इटावा

सैफई में पेरिफेरल वैस्कुलर इंटरवेंशन द्वारा बन्द हो चुकी हाथ की नसों का सफल इलाज

बुखार में गांव के ही किसी व्यक्ति द्वारा बॉये हाथ में गलत इंजेक्शन देने के कारण हाथ काम करना बंद कर दिया था।
 

इटावाMay 18, 2018 / 08:53 pm

Ashish Pandey

सैफई में पेरिफेरल वैस्कुलर इंटरवेंशन द्वारा बन्द हो चुकी हाथ की नसों का सफल इलाज

 इटावा. सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के डाक्टर के बाद एक करके चमत्कार करने में लगे हुए हैं। कार्डियो वैस्कुलर एवं थोरैसिक सर्जरी विभाग ने मरीज मुमताज के बायें हाथ की बन्द हो चुकी नसों का आपरेशन कर हाथ को कटने से बचा लिया। यह आपरेशन पेरिफेरल वैस्कुलर इंटरवेंशन विधि के जरिए हार्ट सर्जन अमित सिंह एवं उनकी टीम द्वारा किया गया। ऑपरेशन के बाद मरीज मुमताज की नसों में फिर से रक्तस्राव शुरू हो गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 (ब्रिगे0) टी0 प्रभाकर ने बताया कि विश्वविद्यालय के कार्डियो वैस्कुलर एवं थोरौसिक सर्जरी विभाग में हाथ, पैर, पेट व गले की नसों के अवरोध का उपचार बिना चीर-फाड़ के मिनिमली इन्वेसिव तरीके से किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की इंटरवेंशन की आधुनिक तकनीक देश के कुछ गिने-चुने चिकित्सा संस्थानों में ही उपलब्ध है। इस तकनीक से प्रदेश में सर्वाधिक मरीज विश्वविद्यालय के कार्डियो वैस्कुलर एवं थोरौसिक सर्जरी विभाग में इलाज कराकर लाभान्वित हो रहें हैं।
ऑपरेशन करने वाले हार्ट एवं इण्डोवैस्कुलर सर्जन डा0 अमित सिंह ने बताया कि औरैया निवासी 28 साल की मुमताज के बायें हाथ की खून की नसें कलाई से ऊपर बन्द हो गयी थीं। ऐसा कुछ दिन पहले उन्हें बुखार में गॉव के ही किसी व्यक्ति द्वारा बॉये हाथ में गलत इंजेक्शन देने के कारण हो गया था। इंजेक्शन दिए जाने के बाद उनके हाथों में दर्द होने के साथ ही रक्त प्रवाह भी बन्द हो गया। जिससे हाथों की अंगुलियों में सडऩ शुरू होने लगी थी। परिजनों द्वारा औरैया में दिखाया गया, लेकिन आराम न मिलने पर उन्हें विश्वविद्यालय के कार्डियो वैस्कुलर एवं थोरौसिक सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया गया। विभिन्न जॉचों के बाद उनके बॉये हाथ की नसों का तत्काल पेरिफेरल वैस्कुलर इंटरवेंशन द्वारा सफल आपरेशन कर उनके हाथ को कटने से बचा लिया गया।
सफल ऑपरेशन पर विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 (ब्रिगे0) टी0 प्रभाकर, प्रतिकुलपति डा0 रमाकान्त यादव, संकाय अध्यक्ष डा0 अभय सिन्हा, कुलसचिव डा0 पंकज कुमार जैन, चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार, फैकेल्टी मेम्बर तथा विश्वविद्यालय के पीआरओ अनिल कुमार पाण्डेय ने डा0 अमित सिंह एवं उनकी टीम को बधाई दी।
वर्ष 2005 मे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के गांव सैफई मे स्थापित इस मेडिकल यूनीवर्सिटी के बारे में कहा जाता है कि देश के किसी भी हिस्से मे स्थापित अन्य मेडिकल कालेजों की तुलना में यह पहला और एक मात्र मेडिकल कालेज है, जो किसी ग्रामीण इलाके में खुला हुआ है।
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