नाजुक हालत में मिला बेटा धारा 376 के मुकदमे में विचाराधीन अवधेश को 5 दिन पहले अचानक तबीयत ख़राब हो जाने के कारण इटावा के भीम राव अम्बेडकर संयुक्त जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा जहां उसने कल दम तोड़ दिया। उसके पिता का कहना है कि कल जब उसके परिवारीजन अपने पुत्र से मिलने बाल गृह पहुंचे, तो उनसे कहा गया कि उनका बेटा जिला अस्पताल में भर्ती है। जब उन्होंने जाकर देखा तो उसकी शारीरिक स्थिति काफी नाजुक थी। डॉक्टरों से इस बारे में बात करने पर पता चला की बेटे की हालत बहुत गंभीर है। इसके बाद अस्पताल के डॉक्टर और उच्चाधिकारियों से बात करने के बाद भी किसी भी तरीके का कोई भी सहयोग जिला प्रशासन की तरफ से नहीं मिला। उसके परिवार वालों का कहना है कि जिला कारागार के अधीक्षक ने किसी भी तरीके की कोई भी सूचना घरवालों को नहीं दी।
अस्पताल में हो गई मृत्यु जिला अस्पताल में उसको रखने के बाद उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। अब परिवारीजन बेहद नाराजगी जिला जेल अधीक्षक और जिला चिकित्सालय इटावा के लोगों पर व्यक्त कर रहे हैं। जिला कारागार के अधीक्षक की लापरवाही सजा एक परिवार को अपने पुत्र की जान की कीमत देकर भुगतनी पड़ रही है। जानकारी करने पर पता चला की बाल गृह भगवान भरोसे चलता है। जिला कारागार का कोई भी बड़ा अधिकारी वहां नहीं पहुंचता है और कर्मचारियों के हवाले जिला बाल कारागार को चलाया जाता है। अधिकारी और जिला बाल कारागार के अधीक्षक कुछ भी बोलने पर चुप्पी साधे हुए हैं।