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इटावा में धान की खरीद योजना बनी सफेद हाथी,15 दिन नहीं हुई एक भी दाना खरीद

locationइटावाPublished: Nov 16, 2018 01:55:59 pm

सरकार की धान खरीद योजना अधिकारियों की लापरवाही के चलते सफेद हाथी बन गई है ।

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इटावा में धान की खरीद योजना बनी सफेद हाथी,15 दिन नहीं हुई एक भी दाना खरीद

इटावा. सरकार की धान खरीद योजना अधिकारियों की लापरवाही के चलते सफेद हाथी बन गई है । मूल्य समर्थन योजना के तहत इटावा जिले में धान खरीद केन्द्र 1 नवम्बर से खुल गए हैं और इन केन्द्रों पर 28 फरवरी तक धान की खरीद की जानी है ।


केन्द्रों को खुले 15 दिनों का समय बीत गया है, लेकिन किसी भी केन्द्र पर अभी तक एक भी दाना धान की खरीद नहीं हुई है । इटावा जिले में 32 खरीद केन्द्र खोले गए हैं और 33 हजार 800 मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया है । जिस तरह से केन्द्रों पर सन्नाटा है नहीं लगता कि जिले में धान खरीद का लक्ष्य पूरा हो सके । पिछले वर्ष 14 दिनों में 350.96 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी थी ।

100 कुंतल की खरीद तक नहीं होगा सत्यापन

धान खरीद के लिए 32 एजेन्सियों को अलग-अलग लक्ष्य दिए गए हैं लेकिन अभी तक सभी का लक्ष्य शून्य है । धान खरीद न होने के पीछे एक कारण एक भी बताया गया है कि खाद एवं रसद विभाग की विपणन शाखा व पीसीएफ की 5 नवम्बर से हड़ताल चल रही थी और कोई भी कार्य नहीं हो रहा था । अब यह हड़ताल 13 नवम्बर को खत्म हुई है। इसके बाद विपणन शाखा व पीसीएफ के केन्द्रों पर खरीद में तेजी आने से संभावना है क्योंकि धान खरीद का सबसे अधिक लक्ष्य इन्हीं दोनों को दिया गया है। भले ही खरीद केन्द्रों पर सन्नाटा है लेकिन इसके बाद भी मंडी की आढ़तों पर काफी संख्या में किसान अपना धान बेचने के लिए पहुंच रहे हैं और आढ़तें धान से गुलजार है। भले ही प्रशासन लाख दावे करें कि बिचौलिए सक्रिय नहीं है लेकिन कहीं न कहीं बिचौलिए सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। यही कारण है कि किसान केन्द्रों पर न जाकर आढ़तों पर अपना धान बेचने के लिए पहुंच रहा है। हालांकि केन्द्रों पर धान खरीद में कई नियम कानूनों से किसानों को गुजरना पड़ता है। सरकार ने इस बार 200 प्रति कुंतल की बढ़ोत्तरी न्यूनतम समर्थन मूल्य में की है, लेकिन इसके बाद भी किसान खरीद केन्द्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं और जो केन्द्र खुले हुए हैं उन पर सन्नाटा पसरा हुआ है। अब यह देखना है कि विपणन विभाग व पीसीएफ की हड़ताल खुलने के बाद खरीद में कितनी बढ़ोत्तरी होगी ।

इस प्रकार किए गए रेट तय

मूल्य समर्थन योजना के तहत धान खरीद के अलग-अलग रेट तय किए गए हैं। जहां इस वर्ष कामन धान का रेट 1750 रुपए प्रति कुंतल है। जबकि ग्रेड ए के धान का रेट 1770 रुपए प्रति कुंतल रखा गया है। पिछले वर्ष कामन धान का रेट 1550 रूपए प्रति कुंतल ग्रेड ए धान की खरीद का रेट 1590 रुपए प्रति कुंतल रखा गया था। इस बार धान खरीद में 200 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोत्तरी की गई है, किसान खरीद केन्द्रों पर अपना धान बेचने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं।

समय पर पूरा होगा लक्ष्य

इटावा जिला विपणन अधिकारी संतोष पटेल का कहना है कि जिले को धान खरीद के लिए जो लक्ष्य दिया गया है वह समय से पूरा कर लिया जाएगा क्योंकि इस बार धान की पैदावार अच्छी हुई है। उन्होंनें बताया कि विपणन शाखा व सहकारी समितियों की हड़ताल के चलते खरीद प्रभावित हुई है। विपणन शाखा की हड़ताल समाप्त हो गई है जबकि समितियों की हड़ताल अभी जारी है। उन्होंने बताया कि 17 नमी तक का धान खरीदा जाएगा जबकि किसान 18 से 24 के बीच की नमी का धान लेकर आ रहे है। उन्होंने बताया कि धान खरीद में बिचौलिए सक्रिय नहीं है। पतले धान आढ़तों पर किसान लेकर पहुंच रहे हैं और उन्हें 2200 से 2400 रुपए प्रति कुंतल आढ़तों पर मिल रहा है।

100 कुंटल की खरीद तक नही होगा सत्यापन

धान खरीद के लिए शासन ने किसानों पर इस बार कुछ रहम किया है। अभी तक 100 कुंतल तक खरीद पर उपजिलाधिकारी से सत्यापन कराना पड़ता था लेकिन अब नए शासनादेश में सीमान्त व लघु किसानों को अगले आदेशों तक ऑन लाइन व ऑफ लाइन सत्यापन से मुक्त रखा गया है। ऐसे किसानों का धान बगैर सत्यापन के केन्द्रों पर खरीदा जाएगा। लेकिन धान बेचने के लिए किसानों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। केन्द्र प्रभारियों को निर्देश दिए गए है कि अगर कोई किसान बगैर पंजीकरण कराए केन्द्र पर धान बेचने के लिए आता है तो उसे वापस नहीं किया जाएगा। 100 कुंतल से अधिक की दशा में राजस्व विभाग से 24 घंटे में सत्यापन कराते हुए धान खरीद की जाएगी।

इस प्रकार है धान खरीद का लक्ष्य

खाद्य विभाग- 7 – 15 मीट्रिक टन

पीसीएफ- 22 -4700 मीट्रिक टन

यूपी एग्रो- 1000 मीट्रिक टन

कर्मचारी कल्याण निगम – 2 – 4000 मीट्रिक टन

नेफेड -3000 मीट्रिक टन

एनसीसीएफ – 3800 मीट्रिक टन

एफसीआई – 1 – 1500 मीट्रिक टन

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