दरअसल, जिला जज नंदलाल अपने परिवार के अलावा कई जजी अधिकारियो के साथ चंबल भ्रमण पर निकले थे। दोपहर करीब 2 बजे के आसपास जज साहब ने गाय को चंबल में फंसा हुआ देखा उसके बाद उन्होंने स्थानीय सहसो थाना प्रभारी से गाय को रेस्क्यू करने का निर्देश दिया। जिला जज के निर्देश के बाद सहसो थाना प्रभारी ने गाय को रेस्क्यू करने का अभियान चलाया। करीब साढ़े तीन बजे गाय को सकुशल चम्बल नदी बाहर निकलवाया जा सका।
जिल के सहसों थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि असल में जिला जज अपने परिवार और ज्यूडिशली सेक्टर के कई असफरों के साथ दोपहर चंबल भ्रमण पर आए हुए थे। जब वे मोटर बोट के जरिए वापस लौट रहे थे तो उन्होंने चम्बल नदी में फंसी हुई एक गाय को देखा। गाय को बालू में फंसा देख उनका मन द्रवित हो गया। उन्होंने तत्काल बालू में फंसी गाय को निकलवाने का निर्देश दिया। जिसके बाद इलाकाई लोगों को एकजूट कर गाय को निकलवाने की दिशा से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद गाय को बालू से सुरक्षित बाहर निकलवाया जा सका।
मदद करने वाले ग्रमीण 1000 रुपए से पुरस्कृत
चंबल में फंसी गाय को रेस्क्यू करने के दरम्यान जिला जज पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तक मौके पर मौजूद रहे। बता दें कि चंबल नदी में बालू के ढेर में फंसी गाय को बाहर निकवाने में आसपास के गांव के जिन लोगों ने रेस्क्यू करने में मदद की। उनको जिला जज नंदलाल ने एक एक हजार रुपए नगद पुरस्कार देने के साथ-साथ उनका सम्मान और उत्साहवर्धन भी किया।