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पर्यावरण संरक्षण का देंगे संदेश
पर्यावरण संरक्षण और वाहन प्रदूषण कम करने के लिए शुक्रवार को जिलाधिकारी जेबी सिंह के नेतृत्व में जिले के कई प्रमुख अधिकारी वाहन छोड़कर सड़कों पर उतरे। यह अधिकारी सुबह अपने आवास से कचहरी व विकास भवन स्थित अपने कार्यालयों में पैदल ही पहुंचे। प्रत्येक शुक्रवार को अधिकारी पैदल ही कार्यालय जाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे। पर्यावरण छात्र संसद में यह प्रस्ताव पास किया गया था कि शुक्रवार के दिन वाहनों का कम प्रयोग हो। यथासंभव अधिकारी घर से कार्यालय और कार्यालय सेद घर आने-जाने के लिए वाहन का प्रयोग न करें।
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अधिकारी पैदल ही अपने कार्यालय पहुंचे
छात्र संसद के तीनों संयोजकों डीएफओ सत्यपाल, डा. कैलाश यादव व संजय सक्सेना की पहल पर शुक्रवार को सुबह 9 बजे अधिकारी पैदल ही अपने कार्यालय पहुंचे। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए कई अधिकारी सुबह डीएम के कैम्प कार्यालय पहुंच गए थे और वहां से कचहरी व विकास भवन तक पैदल चले। डीएम जेबी सिंह, सीडीओ राजा गणपति आर., एडीएम ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव, डीएफओ सत्यपाल, सिटी मजिस्ट्रेट सत्येंद्रनाथ शुक्ला व एसडीएम सदर सिद्धार्थ पैदल चलकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए कचहरी पहुंचे। इनके साथ ही नेहरू युवा केंद्र के लेखाकार श्रवण कुमार बाथम व सामाजिक कार्यकर्ता माधवेंद्र शर्मा व बृजेश सक्सेना भी इस पद यात्रा में शामिल रहे।
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महत्वपूर्ण कार्य में सहयोग की अपील
डीएम जेबी सिंह ने कहा कि हमें यथा संभव प्रदूषण से बचना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण सबसे महत्वपूर्ण मुददा है। इसके लिए हर व्यक्ति को अपना योगदान देना है। श्री सिंह ने कहा कि यदि घर से थोड़ी दूर जाना है तो वाहन के स्थान पर यथासंभव पैदल ही जाएं। इससे प्रदूषण कम होगा और सेहत भी ठीक रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि बच्चों के स्कूल ज्यादा दूर नहीं हैं तो उन्हें भी पैदल जाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। समाज के सभी वर्गों से इस महत्वपूर्ण कार्य में सहयोग की अपील भी की।
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पर्यावरण के प्रति इस तरह की फैलाई जागरूकता
छात्र संसद के संयोजक कैलाश यादव व संजय सक्सेना ने बताया कि इसमें पारित प्रस्तावों के अनुरूप पौधारोपण तथा गोष्ठियों के माध्यम से पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने का अभियान लगातार जारी रहेगा। यह पर्यावरण छात्र संसद विश्व में सिर्फ इटावा में ही वर्ष में एक बार लगती है। छात्र संसद की शुरूआत इटावा के ऐतिहासिक महोत्सव में साल 2016 मे पहली दफा हुई थी तब से पर्यावरण के प्रति इस तरह की जागरूकता फैलाने का काम संस्था के सयोजंक मंडल अधिकारिक स्तर पर करवाते हैं।