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सरकार ने शुरू की नयी मुहिम, टीबी के मरीजों को पहचानने के लिए चलेगा डोर-टू-डोर अभियान

locationइटावाPublished: Feb 15, 2018 06:20:47 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

जानलेवा बीमारी टीबी के प्रभाव से लोगों को बचाने के लिए सरकार ने शुरू किया है डोर-टू-डोर अभियान

door to door campaign
इटावा. टीबी रोग जानलेवा होता है। इसकी चपेट में आने वाले लोग कई बार मौत की चपेट में आ जाते हैं। यह रोग किसी जहर की तरह फैल रहा है। इससे भी बुरी बात ये है कि कुछ लोग आर्थिक स्थिती की वजह से या किसी और कारण की वजह से अस्पताल नहीं आ पाते हैं। जो लोग स्वास्थय केंद्र नहीं आ पाते हैं, स्वास्थ्य केंद्र उन तक पहुंचेगा। सरकार टीबी की रोकथाम के लिए डोर-टू-डोर अभियान शुरू कर रही है। यह अभियान 24 फरवरी से 10 मार्च तक चलाया जाएगा।
6 टीबी के लक्षण पाए जाने पर होगी जांच

जिले के कई जगहों पर इस डोर-टू-डोर अभियान को एक्टिव किया जाएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. हरमन सिंह ने बताया कि दो लाख घरों तक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओँ की तीन सदस्यीय टीम घर-घर जा कर लोगों को टीबी रोग की अधिक जानकारी देगी। इनका काम सिर्फ जानकारी देना ही नहीं है बल्कि अगर लोगों में टीबी के 6 लक्षण पाए जाएंगे, तो उनका बलगम इकट्ठा कर लैब में जांच की जाएगी। रोग की पुष्टि होने पर उन्हें सरकारी इलाज पूर्णत: निशुल्क प्रदान किया जायेगा। इसके लिये माइक्रोप्लान तैयार किया जा चुका है।
इतने लोगों की बनेगी टीम

टीबी की जांच और उससे जुड़ी जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए ये अच्छा कदम है। कुल 70 लोगों की टीम है, जिसमें 14 लैब टेक्नीशियन और 3 चिकित्सा अधिकारी के साथ मिलकर जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला पीपीएम समन्वयक और राष्ट्रीय पुनरीक्षित क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम के सभी अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान को चलाएंगे।
जो लोग किसी कारण की वजह से स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुच पाते हैं उन तक डोर-टू-डोर अभियान पहुंचेगा। ऐसे लोगों को जानकारी भी मिलेगी और स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा भी मिलेगी। इससे जानकारी के अभाव के कारण मृत्सु संख्या भी कम हो सकती है। जब लोग इसके रोकथाम के बारे में जानेंगे, तब ही सचेत रहेंगे।
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