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औरैया हादसे के घायलों ने जब खोली पोल, सुनकर यह बयान अपर पुलिस अधीक्षक चौंके

locationइटावाPublished: May 18, 2020 08:00:13 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

औरैया जिले मे लाॅकडाउन 3.0 के समय हुए सबसे बड़े सड़क हादसे के घायलों से सोमवार को औरैया के अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित बयान लिया। घायलों ने पुलिस अफसरों के सामने राजस्थान और उत्तर प्रदेश पुलिस की पोल खोल करके रख दी है।

औरैया हादसे के घायलों ने जब खोली पोल, सुनकर यह बयान अपर पुलिस अधीक्षक चौंके

औरैया हादसे के घायलों ने जब खोली पोल, सुनकर यह बयान अपर पुलिस अधीक्षक चौंके

इटावा. औरैया जिले मे लाॅकडाउन 3.0 के समय हुए सबसे बड़े सड़क हादसे के घायलों से सोमवार को औरैया के अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित बयान लिया। घायलों ने पुलिस अफसरों के सामने राजस्थान और उत्तर प्रदेश पुलिस की पोल खोल करके रख दी है। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वो शासन स्तर पर घायलों के बयान रिकार्ड करने के लिए आये हुए हैं। सभी के बयान रिकार्ड करने के बाद शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। उसके बाद गुणदोष के आधार पर कार्यवाही अमल मे लाई जाएगी।
अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित में सबसे पहले हादसे में घायल डीसीएम चालक 52 साल के प्रताप सिंह पुत्र कन्हैयालाल निवासी कंझारी थाना कुथोर जिला जालौन का बयान दर्ज किया। प्रताप के पैर और हाथ फैक्चर है। आज सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित को डीसीएम चालक प्रताप ने बताया कि वह गाजियाबाद के मक्खनपुर से सवारियां भरकर झांसी छोड़ने के लिए निकला था। तभी औरैया के निकट एक ढाबे पर गाड़ी खड़ी करके चाय पीने लगा चाय पीकर जैसे ही गाड़ी स्टार्ट की तभी पीछे से ट्राला ने टक्कर मांर दी।
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में कुल 32 मरीज आए थे जिसमें तीन अज्ञात मरीज थे। जिसमें एक की पहले दिन ही मौत हो गई थी। दूसरे की आज हो गई है। अब तीनों अनजान मरीजों की पहचान हो गई है। सैफई मेडीकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराये गये औरैया सडक हादसे के घायल प्रवासियों का इलाज जारी हैं। इस बीच यहां सभी की कोरोना जांच निगेटिव आने के बाद सभी को कोविड अस्पताल से सामान्य वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डा.राजकुमार ने बताया कि प्रवासी होने के कारण कहीं घायल संक्रमित न हों इसलिये इन्हें कोविड19 अस्पताल में भर्ती किया गया था तथा प्रत्येक मरीज का ब्लड सेंपल लेकर जांच के लिये दिया गया था। उन्होंने कहा कि इन सभी 31 घायलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद इन्हें इलाज के लिये सामान्य वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है।

16 मई को औरैया में हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल डीसीएम चालक प्रताप सिंह इस समय सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में नाजुक हालत में भर्ती है। प्रताप बताते है कि रात 2 बजे के आसपास वो डीसीएम लेकर ढाबे पर पहुंचे थे उंसके बाद चाय पी फिर वापस डीसीएम में बैठने को हुए जैसे ही गाड़ी स्टार्ट की तभी पीछे से तेज आवाज का धमाका हुआ और हमारी गाड़ी पलट गई और हम करीब 1 घंटे तक गाड़ी में ही फंसे रहे। मेरा एक मोबाइल छोटा गिर गया तो बड़ा मोबाइल हाथ में आया तो अपने घर पर चाचा को फोन करके सिर्फ घटना की जानकारी दे पाए। एक घंटे तक गाड़ी में ही चिल्लाते रहे कि मुझे बचा लो.. मुझे बचा लो। घरवालों ने सिर्फ यह कहा कि हिम्मत मत हारना हम लोग आ रहे हैं और 112 की सूचना दो।
डीसीएम मालिक प्रताप सिंह पुत्र कन्हैयालाल निवासी कंझारी थाना कुथोर जिला जालौन के हादसे मे पैर और हाथ फैक्चर है। जो स्वयं ही ड्राइविंग कर रहा था। उस ने बताया कि वो गाजियाबाद के मक्खनपुर से 13 सवारियों ओर कुछ बच्चों को लेकर चला था। जिन्हें झांसी छोड़ना था। यमुना एक्सप्रेस वे पर जेवर टोल पर यूपी पुलिस के जवानों ने डीसीएम को रुकवा कर पूछा कि इसमें जगह है पुलिस को देख कर बताना पड़ा, उंसके बाद पुलिस कर्मियों ने गाड़ी को किनारे लगवाया और कहा कि यह कुछ सवारियां है इनको भी अपने साथ लेते जाओ,यह सवारियां आगे उतर जायेगी।
बिहार के रहने वाले अर्जुन कुमार बताता है कि जयपुर से वो अपने कई साथियों के साथ बिहार जाना चाह रहा था लेकिन डीएम की अनुमति नही मिल रही थी इसी बीच वो सभी पैदल ही चल दिये। पहले किसी प्रधान ने हमको अपने यहाँ ठहराया लेकिन बसों से निकलने कोई इंतजाम नही हो सका। जिस दिन हादसा हुआ उस दिन भरतपुर से करीब 55 किलोमीटर पहले राजस्थान पुलिस के जवानो ने ट्रेलर पर बैठा दिया था। करीब 40 से 50 लोगों को बैठाया था हम सभी सोए हुए थे इसलिए हमको घटना के बारे में पता ही नही चला।
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