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इटावा क्लब के बहाने ए.ओ.हयूम की विरासत की जायेगी संरक्षित, अखिलेश यादव ने यहां किया था ये काम

locationइटावाPublished: May 19, 2018 12:30:49 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

इटावा क्लब को दिया जाएगा नया लुक

akhilesh yadav

इटावा क्लब के बहाने ए.ओ.हयूम की विरासत की जायेगी संरक्षित, अखिलेश यादव ने यहां किया था ये काम

इटावा. एक वक्त अपनी विशेष पहचान रखने वाले इटावा क्लब पर एक बार फिर इटावा प्रशासन मेहरबान होता हुआ दिख रहा है। इटावा क्लब को नये लुक मे दिखाने का वीडा उठाने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद इटावा की जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे हैं, जिन्होंने इसके कायाकल्प का खाका तैयार किया है। इसे अंतिम रूप देने मे अफसरों की टीम जुटी हुई है। करीब एक करोड़ रूपये की कार्ययोजना का खाका जिला प्रशासन और कुछ स्वंयसेवी संस्थाओं की मदद से करने का इरादा है।
शुक्रवार को किया दौरा

अपनी महत्वकांक्षी योजना को मूर्तरूप देने के इरादे से इटावा की जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे एसडीएम सिदार्थ के साथ देर शाम इटावा क्लब को निरीक्षण करने के लिए पहुंची। यहां पर उन्होंने एसडीएम सदर सिद्धार्थ को निर्देश दिए कि क्लब की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही इस के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव भी तैयार किया जाए। इटावा क्लब में फव्वारों के साथ स्विमिंग पूल, डाइनिंग हॉल सहित कई वीआईपी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। डीएम के निर्देश के बाद नई कार्य योजना बनाई जाएगी, इसके बाद ही आगे की प्रगति तय होगी।
ए.ओ.हयूम का बनवाया हुआ है इटावा क्लब

इटावा क्लब में शाम को कुछ गतिविधियां खेल, सांस्कृतिक व अन्य कार्यक्रमों की हों इसको लेकर एक कार्य योजना तैयार की जा रही है। अभी क्लब में बाहर बैठने के लिए कोई भी इंतजाम नहीं हैं। उपजिलाधिकारी सदर सिद्धार्थ द्वारा इस कार्य योजना को तैयार किया गया है। क्लब में आने वाले लोगों को कैसे बेहतर माहौल मिले इसके लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। लखनऊ से आर्किटेक्ट को बुलाकर क्लब की कार्ययोजना को तैयार किया गया है। क्लब के पास अभी करीब 35 लाख रुपया पड़ा हुआ है। इसके साथ अन्य जगहों से भी रुपये का इंतजाम किया जाएगा।
मौज मस्ती को आते थे अंग्रेज

इटावा क्लब अंग्रेजी हुकूमत के समय का बनाया हुआ स्थान है। यहां पर अंग्रेज कलेक्टर अपनी पत्नियों के साथ मौज मस्ती करने आते थे। उन दिनों भारतीय लोगों को इस क्लब में आने पर मनाही थी। अंग्रेज कलेक्टर ए.ओ. ह्यूम भारतीय क्रांतिकारियों से निपटने के लिए इसी मे अंग्रेज अफसरों की बैठकों को बुलाया करते थे।
क्लब में नहीं है सुरक्षा व सफाई के इंतजाम

इटावा क्लब में कोई भी सुरक्षा गार्ड नहीं रहता है, जिसके कारण वहां पर आए दिन चोरी का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही सफाई कर्मचारी भी क्लब के पास अपना नहीं है। जिससे सफाई को लेकर काफी परेशानियां बनी रहती हैं। क्लब के ज्वाइंट सेक्रेटरी संजीव शर्मा का कहना है कि सफाई व सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए। इसके लिए जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि क्लब का चुनाव भी काफी दिनों से नहीं हुआ है। यह भी कराया जाना चाहिए।
क्लब का रूप निखरेगा

इटावा क्लब के जनरल सेक्रेटरी व उपजिलाधिकारी सिद्धार्थ बताते हैं कि इटावा क्लब का रूप जल्द ही निखरेगा। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। क्लब में आने वाले सदस्यों को ऐसा लगेगा कि वे सकून भरी जिंदगी के दो पल यहां पर बिता सकेंगे। इसके लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर सारे इंतजाम किए जा रहे हैं।
इटावा मे चर्च का कराया निर्माण

हयूम ने इटावा मे गुलामी के दौर में अग्रेंजो के लिये एक प्रार्थना स्थल चर्च का निर्माण कराया। उसके पास ही इटावा क्लब की स्थापना इसलिये कराई ताकि बाहर से आने वाले मेहमानों को रूकवाया जा सके क्योंकि इससे पहले कोई दूसरा ऐसा स्थान नहीं था। यहां पर मेहमानों को रूकवाया जा सके। सितंबर 1944 को हुई जोरदार वारिस मे यह भवन धरासाई हो गया जिसे नंबवर 1946 मे पैतीस हजार रूपये खर्च करके पुननिर्मित कराया गया था।
अपने नाम की इमारते बनाकर दी मिसाल

इटावा में अपने कलेक्टर कार्यकाल के दौरान ह्यूम ने अपने नाम के अंग्रेजी शब्द के एचयूएमई के रूप में चार इमारतों का निर्माण कराया। 4 फरवरी 1856 को इटावा के कलक्टर के रूप मे ए.ओ.हयूम की तैनाती अग्रेज सरकार की ओर से की गई। हयूम की एक अग्रेज अफसर के तौर पर कलक्टर के रूप मे पहली तैनाती है।
अपने नाम पर खुलवाया हॉट बाजार

हयूम ने इटावा को एक बड़ा व्यापारिक केंद्र बनाने का निर्णय लेते हुये अपने ही नाम के उपनाम से हयूमगंज की स्थापना करके हाट बाजार खुलवाया। जो आज बदलते समय मे होमगंज के रूप मे बड़ा व्यापारिक केंद्र बन गया है।
ए.ओ.हयूम को पक्षियो से रहा है खासा प्रेम

पर्यावरणीय संस्था सोसायटी फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर के महासचिव संजीव चौहान कहना है कि एलन आक्टेवियन हयूम यानि ए.ओ.हयूम को पक्षियों से खासा प्रेम काफी रहा है। इटावा मे अपनी तैनाती के दौरान अपने आवास पर हयूम ने 165 से अधिक चिड़़ियों का संकलन करके रखा था। एक आवास की छत ढहने से सभी की मौत हो गई थी। इसके अलावा कलेक्टर आवास में ही बरगद का पे़ड़ पर 35 प्रजाति की चिड़िया हमेशा बनी रहती थी। साइवेरियन क्रेन को भी हयूम ने सबसे पहले इटावा के उत्तर सीमा पर बसे सोंज बैंडलैंड मे देखे गये सारस क्रेन से भी लोगो को रूबर कराया था।
हयूम के पक्षी प्रेम की अखिलेश भी कर चूके है चर्चा

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी काग्रेंस के संस्थापक ए.ओ.हयूम की याद को सैफई में हुई इंटरनेशल सारस कांफ्रेस में ताजा कर चुके है। ए.ओ.हयूम की छवि पक्षी विज्ञानी के तौर पर भी रही है। इटावा में जिला कलेक्टर के कार्यकाल के दौरान उनके बगंले पर साईबेरियन सारसों को खासा संरक्षण मिला करता था। वो अलग बात है कि अर्से से इटावा में साइबेरियन सारस की आवाजाही को नहीं देखा गया है।

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