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इटावा

इटावा में बुजुर्ग की मौत से मेडिकल कालेज और जिला प्रशासन सकते में, रिपोर्ट आने के बाद ली राहत की सांस

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई मेडिकल विश्वविद्यालय में कोरोना संक्रमण वार्ड मे भर्ती बुजुर्ग की मौत के बाद आई जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि बीमार बुजुर्ग की मौत के पीछे निमोनिया सक्रंमण था। जब तक रिपोर्ट नहीं आई तब तक मेडिकल कालेज और जिला प्रशासन सकते में बना रहा।

इटावाApr 01, 2020 / 04:55 pm

Mahendra Pratap

इटावा में बुजुर्ग की मौत से मेडिकल कालेज और जिला प्रशासन सकते में, रिपोर्ट आने के बाद ली राहत की सांस

इटावा में बुजुर्ग की मौत से मेडिकल कालेज और जिला प्रशासन सकते में, रिपोर्ट आने के बाद ली राहत की सांस

इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई मेडिकल विश्वविद्यालय में कोरोना संक्रमण वार्ड मे भर्ती बुजुर्ग की मौत के बाद आई जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि बीमार बुजुर्ग की मौत के पीछे निमोनिया सक्रंमण था। जब तक रिपोर्ट नहीं आई तब तक मेडिकल कालेज और जिला प्रशासन सकते में बना रहा।
सैफई मेडिकल विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधीक्षक डा.आदेश कुमार ने आज जांच रिपोर्ट आने पर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सैफई मेडिकल विश्वविद्यालय में कोविड-19 आइसुलेशन वार्ड में भर्ती बुजुर्ग मरीज मरने के बाद की गई जांच रिपोर्ट में निमोनिया की शिकायत पाई गई है। उन्होंने बताया कि बीते सोमवार देर रात मैनपुरी जनपद निवासी साठ वर्षीय बुजुर्ग जीवनस्वरूप को मेडिकल संस्थान में खांसी और जुकाम के बाद चेकअप कर कोरोना आइसुलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। भर्ती होने के कुछ ही घण्टों के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था।
डा.आदेश कुमार ने बताया कि असल मे फिलहाल संस्थान ने यह प्रकिया अपनाई हुई है कि जितने भी मरीज खांसी जुकाम से जुड़े आएंगे उनको कोरोना संक्रमण के दायरे मे रखते हुए आईसोलेशन वार्ड मे ही दाखिल किया जाएगा। इसी के तहत जीवन स्वरूप को भी आईसोलेशन वार्ड में रखा गया था।
बुजुर्ग की मौत के बाद शव को बॉडी रैप में पैक करवा सुरक्षित रख दिया था। उनके सैंपल को कोरोना जांच के लिए लैब भेज दिया गया। आज सुबह उनकी कोरोना की रिपोर्ट आ गई, जिसमें मौत की वजह निमोनिया पीडित्रत होना पाया गया है। आज उनके शव को उनके परिजनों को सौप दिया गया।
डा.आदेश कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आया है। यूनिवर्सिटी में कोरोना के इलाज के पूरी व्यवस्थाएं की गई है। इसके लिए यूनिवर्सिटी में 200 बेड का आइसुलेशन वार्ड और 284 बेड का क्वारंटाइन वार्ड बनाया गया है, जिसमे 19 बेड वेंटिलेटर से लैस है।
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