शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। एसएचओ ने कहा कि ग्रामीणों के अनुसार, दुबे ने एक बैंक से कर्ज लिया था और उसे चुकाने के लिए अपनी जमीन का एक हिस्सा भी बेच दिया था। मीणों ने पुलिस को बताया कि कर्ज को लेकर किसान काफी तनाव में था।
आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश का इटावा जिला ऐसा जिला है जहां से दो - दो मुख्यमंत्री प्रदेश में बन चुके हैं। लगातार कई बार सियासी बागडोर इटावा के हाथ में होने के बावजूद भी आज तक यहाँ गरीबी और बेरोजगारी चरम पर है। वहीं प्रदेश में एक बार फिर से चुनाव की गर्मी महसूस की जा रही है। लेकिन इस बार इन चुनावों से किसान और उससे जुड़े मुद्दे गायब हैं। खुद प्रदेश में मौजूदा भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी किसानों के लिए लाखों करोड़ रु खर्च करके उनकी आम्दानी दोगूनी करने का दावा कर रहे हैं। लेकिन सच्चाई सबके सामने है। बैंकों के कर्ज में डूबे किसान इसी तरह आत्महत्या करने को मजबूर हैं।