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न बैंड था न बाजा, खामोशी संग हुई शादी, पर जब बहू ससुराल पहुंची तो उसे देखकर ससुरालवालों के होश उड़ गए

locationइटावाPublished: May 14, 2020 05:15:35 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

न बैंड था न बाजा, खामोशी इतनी थी कि सिर्फ मंत्र सुनाई दे रहे थे। आशीर्वाद देने वाले सिर्फ चुनिंदा लोग। इसी खामोशी के बीच बडी सादगी से युवक-युवती वैवाहिक जीवन के बंधन में बंध गए। नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देकर लोगों ने उनके सफल दाम्पत्य जीवन की ईश्वर से कामना की।

न बैंड था न बाजा, खामोशी संग हुई शादी, पर जब बहू ससुराल पहुंची तो उसे देखकर ससुरालवालों के होश उड़ गए

न बैंड था न बाजा, खामोशी संग हुई शादी, पर जब बहू ससुराल पहुंची तो उसे देखकर ससुरालवालों के होश उड़ गए

इटावा. न बैंड था न बाजा, खामोशी इतनी थी कि सिर्फ मंत्र सुनाई दे रहे थे। आशीर्वाद देने वाले सिर्फ चुनिंदा लोग। इसी खामोशी के बीच बडी सादगी से युवक-युवती वैवाहिक जीवन के बंधन में बंध गए। नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देकर लोगों ने उनके सफल दाम्पत्य जीवन की ईश्वर से कामना की। इसके बाद अंकित, दीक्षा को मोटरसाइकिल पर बैठाकर अपने घर ले आया जहां सभी बेहद खुशी से उसका स्वागत किया। इधर अंकित के परिवार वाले सुन्दर बहू पाकर और दीक्षा के परिवारवाले दहेज रहित विवाह होने से खुश हैं।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार इटावा जनपद में थाना कोतवाली क्षेत्र में शादी काफी पहले से तय थी इसी बीच कोरोना संक्रमण की विभिषिका से लाॅकडाउन ने शादी के जश्न मे विध्न डाल दिया। लडकी के परिजनों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई, मामले की गंभीरता को देखते हुएृ डीएम साहेब ने अनुमति प्रदान की।
अपने घर के पांच लोगों को बराती बनाकर दुल्हन को उसके घर लेने पहुंचे अंकित कश्यप ने बताया कि उनकी शादी एक साल पूर्व तय हो गई थी। घर के सभी लोग शादी की तैयारियों में जुट गए थे लेकिन मार्च में अचानक कोरोना वायरस की दस्तक के बाद से पूरे देश के लाॅकडाउन लागू हो गया। जिसके बाद से वह लाॅकडाउन खुलने का इंतजार करने लगा लेकिन कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश मे लाॅकडाउन चरणों मे बढ़ाया जा रहा है। जिसे देखते हुए उसने अपने परिजनों की तरफ से जिलाधिकारी के पास लाॅकडाउन में ही शादी करने की अनुमति के लिए आवेदन पत्र भेजा।
जिलाधिकारी ने लाॅकडाउन के सभी दिशा निर्देशों को ध्यान में रखने की नसीहत देते हुए शादी करने की अनुमति प्रदान की, जिसके बाद वह बुधवार शाम को अपने घर के पांच लोगों के साथ दीक्षा के घर बारात लेकर पहुंचे और रात में शादी की रस्मों को सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए पूरा किया और गुरुवार को सुबह दीक्षा की विदाई मोटरसाइकिल से करवाकर अपने घर ले आया है। लाॅकडाउन के कारण उनकी शादी में होने वाले खर्चे की बचत हुई है जिसे वह आगे अपने सकुशल दाम्पत्य जीवन के लिए खर्च करेंगे।
दीक्षा कश्यप की मां ने बताया कि उनकी बेटी को शादी शहर में ही रहने वाले अंकित कश्यप के साथ तय हुई थी लेकिन लाॅकडाउन को देखते हुए प्रशासन से अनुमति मांगी। उनकी बेटी की शादी पूरी तरह से सादगी और दहेज रहित तरीके से सम्पन्न हुई है।
कोरोना महामारी के दौर से निपटने के लिए देश मे लागू लाॅकडाउन के कारण कई घरों में बजने वाली शादी की शहनाई की गूंज शांत हो गयी है। लाॅकडाउन के नियमानुसार घरों में सादगी और बिना शोर-शराबा के शादियां होती हुई नजर आ रही है।
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