लगातार बरसात से इटावा में मौसम का मिजाज बिगाड़ा
गेहूं किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान
इटावा में रहा न्यूनतम तापमान 10 डिग्री
मौसम की मार से कई एक्सप्रेस ट्रेनें निरस्त
प्याज के बाद अब आलू बिकेगा महंगा,लगातार बारिश से आलू किसान घबराए
इटावा. लगातार हो रही बरसात ने मौसम का मिजाज बिगाड़ा दिया। बुधवार शाम शुरू हुई बरसात ने सर्दी को फिर बढा दिया। देर शाम से शुरू हुई बरसात सारी रात बदूस्तर जारी है। हालांकि दिन में धूप से कुछ राहत मिली थी लेकिन बरसात ने हालात बिगाड़ दिए। इस बरसात से यूपी के आलू किसानों की आंखों में पानी ला दिया है। पर गेहूं किसानों के लिए चेहरे पर मुस्कान ला दी है। गेहूं के लिए बरसात फायदेमंद मानी जा रही है। किसान इन्द्रदेव से दुआ कर रहे हैं कि ओलावृष्टि न हो। यदि ओले गिरे तो फसल को काफी नुकसान हो जाएगा।
बुधवार सुबह धूप निकली थी जिससे सर्दी से राहत मिली। न्यूनतम तापमान 10 डिग्री रहा। हालांकि बीच-बीच में बादल भी होते रहे लेकिन शाम चार बजे से बरसात शुरू हो गई। इसी बरसात ने माहौल बिगाड़ दिया। सर्दी बढ़ने लगी। सड़कों पर सन्नाटा छा गया। सड़कों के किनारे फुटपाथ पर बैठकर सामान बेचने वालों को नुकसान उठना पढ़ा। जो सड़कों पर निकले वे बरसात के कारण छाता लगाकर निकले ताकि भीगने से बचे रहें। इस बरसात से खेती पर मिलाजुला असर पड़ रहा है।
आलू किसानों घबराए गेहूं किसान मुस्कुराए :- यह बारिश यूपी के आलू किसानों के लिए काफी नुकसानदायक है। इस बारिश से आलू की फसल को नुकसान पहुंच सकता हैं। और अगर ऐसा आगे हुआ तो आलू बाजारों में काफी महंगा बिकेगा। लेकिन गेहूं की फसल के लिए इसे काफी फायदेमंद मान जा रहा है। बरसात यदि तेज न हो तो सरसों की फसल को भी नुकसान नहीं है। ऐसे में किसान तो यही दुआ कर रहे हैं कि हल्की बरसात हो जाए लेकिन ओले न गिरे क्योंकि यदि ओले गिर गए तो फिर किसानों की मेहनत से तैयार की गई फसल को भी काफी नुकसान पहुंच जाएगा। जैसी उम्मीद लगाई जा रही थी ठीक वैसा ही हुआ भी गुरुवार को भी बरसात बरकरार बनी हुई है। उप निदेशक कृषि ए.के.सिंह ने कहा कि इस बरसात से गेहूं व सरसों की फसल को कोई नुकसान नहीं है बल्कि गेहूं को तो कुछ दिनों के अन्तराल से हो रही बरसात से फायदा ही है। जिले में सबसे ज्यादा गेहूं की पैदावार होती है। ओले न गिरें तो फसल को नुकसान नहीं है।
सर्दी की सिहरन बढ़ी, लोगों घरों में दुबके:- मकर संक्रांति के पावन पर्व पर सुबह से शाम तक मौसम कभी धूप-कभी छांव का रहा, शाम 4 बारिश होने से जनजीवन थम सा गया। वातावरण में सर्दी की सिहरन बढ़ गई इससे सड़कों पर सन्नाटा सा पसर गया। मौसम में थोड़े-थोड़े अंतराल पर हो रहे परिवर्तन से आम जनजीवन त्रस्त है। मौसम की मार से ट्रेनों का परिचालन अभी भी प्रभावित बना हुआ है।
बीते तीन दिनों से सुबह कोहरा और दिन में हल्की धूप से मौसम आम जनजीवन के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था, मकर संक्रांति को सूर्यदेव के उत्तरायण होने से मौसम साफ होने की उम्मीद लगाई थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका। सुबह हल्के कोहरा के साथ बर्फीले बादल छाए रहने से अधिकांश श्रद्धालुओं ने कड़ाके की सर्दी में स्नान किया। सुबह नौ बजे सूरज चमके तो चारों ओर चहल-पहल हो गई। अपराह्न दो बजे के बाद आसमान में फिर से बादल छा गए लेकिन बीच-बीच में सूर्यदेव के भी दर्शन हुए। शाम 4 बजे मौसम ने फिर से पलटी मारी इसके तहत शुरुआत में बूंदाबांदी इसके पश्चात बारिश होने से जनजीवन जहां का तहां थम गया। देर शाम तक कभी बूंदाबांदी तो कभी हल्की बारिश होने से सड़कों पर सन्नाटा सा पसरा नजर आया।
मौसम की मार से कई एक्सप्रेस ट्रेनें आगामी 31 जनवरी तक निरस्त:- मौसम की मार से तूफान मेल, महानंदा, इंटरसिटी तथा ऊंचाहार एक्सप्रेस को आगामी 31 जनवरी तक निरस्त कर दिया गया था। बीते सप्ताह से मौसम दिन में साफ रहने से रेलवे प्रशासन ने तूफान मेल को हावड़ा से तथा महानंदा एक्सप्रेस को अलीपुरद्वार से चला दिया गया। इसके अलावा मार्ग परिवर्तित किए जाने से बीते पखवारे से इटावा जंक्शन नहीं आने वाली मरुधर तथा जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस को इटावा जंक्शन के माध्यम से चलाया गया। ट्रेनों की लेटलतीफी अभी भी जारी है इसके तहत पूर्वा 6, मरुधर 6, नार्थ-ईस्ट 4, कानपुर-आगरा पैसेंजर 4, कैफियात 3, कालका मेल 2 घंटे की देरी से चल रही थीं, कमोवेश अन्य ट्रेनों का भी यही हाल था जिससे आम यात्री परेशान नजर आए।