ये भी पढ़ें- बीमार गायत्री प्रजापति को लगा झटका, गवा सकते हैं जिंदगी भर की कमाई, ईडी के हाथ लगे ऐसे दस्तावेज… इटावा में वृद्ध को शताब्दी एक्सप्रेस में नहीं चढ़ने देने का आरोप गलत निकला। रेलवे अधिकारियों की जांच में स्टेशन अधीक्षक पूरन मल मीना का कोई दोष नहीं पाया गया हैं। उन्होंने स्टेशन अधीक्षक का काम संभाल लिया है। जांच में लापरवाही पाए जाने पर आरपीएफ दरोगा को चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया गया है।
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बाराबंकी निवासी बाबा राम अवधदास का 4 जुलाई को इटावा स्टेशन से शताब्दी के कोच सी-2 में सीट नंबर 72 का रिजर्वेशन था। बाबा जेनरेटर यान के पास पहुंच गए थे, जबकि उनका कोच पीछे था। पास मौजूद आरपीएफ कर्मी और कोच कंडक्टर ने उन्हें कोच पीछे होने की जानकारी दी थी। राम अवधदास कोच कंडक्टर की बात ठीक से सुन नहीं पाए। इससे उनकी ट्रेन छूट गई थी। उन्होंने सहयोग न करने की शिकायत स्टेशन पर दर्ज कराई थी। इस पर डीआरएम ने मामले की जांच कराई। जांच के चलते स्टेशन अधीक्षक पीएल मीणा को इलाहाबाद डीआरएम कार्यालय से अटैच कर दिया गया था। शताब्दी में लगे कैमरे और अन्य माध्यमों से जांच में स्टेशन अधीक्षक पीएल मीणा बेदाग साबित हुए हैं। उन्होंने गुरुवार को इटावा रेलवे स्टेशन पर कामकाज संभाल लिया है।
बाराबंकी निवासी बाबा राम अवधदास का 4 जुलाई को इटावा स्टेशन से शताब्दी के कोच सी-2 में सीट नंबर 72 का रिजर्वेशन था। बाबा जेनरेटर यान के पास पहुंच गए थे, जबकि उनका कोच पीछे था। पास मौजूद आरपीएफ कर्मी और कोच कंडक्टर ने उन्हें कोच पीछे होने की जानकारी दी थी। राम अवधदास कोच कंडक्टर की बात ठीक से सुन नहीं पाए। इससे उनकी ट्रेन छूट गई थी। उन्होंने सहयोग न करने की शिकायत स्टेशन पर दर्ज कराई थी। इस पर डीआरएम ने मामले की जांच कराई। जांच के चलते स्टेशन अधीक्षक पीएल मीणा को इलाहाबाद डीआरएम कार्यालय से अटैच कर दिया गया था। शताब्दी में लगे कैमरे और अन्य माध्यमों से जांच में स्टेशन अधीक्षक पीएल मीणा बेदाग साबित हुए हैं। उन्होंने गुरुवार को इटावा रेलवे स्टेशन पर कामकाज संभाल लिया है।