डीएम श्रुति सिंह ने बिताई जांच इटावा की जिलाधिकारी श्रुति सिंह ने बताया कि तहसीलदार सदर के रूपये से लेनदेन का आडियो वायरल हुआ है जिसको ध्यान मे रखते हुए जांच उपजिलाधिकारी न्यायिक देवेंद्र पांडेय को सौंपी गई है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट देंगे । उसके बाद कार्यवाही तय की जायेगी। वायरल आडियो को लेकर जिलाधिकारी श्रीमती श्रुति सिंह ने एसडीएम न्यायिक देवेंद्र पांडे को सौंपी गई है । जांच के दायरे मे क्या निकलता है यह तो जांच के बाद स्पष्ट होगा । इटावा सदर तहसीलदार जगदीश सिंह का एक आडियो वायरल हुआ है, जिसमे वो पूर्व तैनाती ताखा तहसील के किसी काम को लेकर एक लाख रुपए की रिश्वत को वापस मांगने वालो पर गाली गलौज करते नजर आ रहे।
सदर तहसील में रिश्वत का औडियो वायरल
सदर तहसीलदार का रिश्वत के रुपये वापस मांगने को लेकर एक आडियो वायरल हुआ है । आडियो में तहसीलदार पीड़ित को गालियां देते हुए डांट रहे हैं। कि ताखा तहसील में तहसीलदार के पद पर रहते हुए जमीन दुरुस्त करने के लिए रुपये लिए थे लेकिन काम नहीं हुआ तो रूपये देने वाला सख्श अपने पैसे की मांग करने लगा।
तहसीलदार सदर जगदीश सिंह का रुपये के लेनदेन को लेकर आडियो ताखा के रजपुरा निवासी उदय सिंह एवं पूरनपुरा निवासी वेदप्रकाश ने वायरल किया है। उदय सिंह ने बताया कि गांव में उनकी जमीन का विवाद चल रहा है। खेत की दुरुस्ती कराने के लिए उन्होंने ताखा तहसील में तहसीलदार को अलग-अलग किस्तों में एक लाख 40 हजार रुपये दिए थे। रुपये लेने के बाद भी उन्होंने काम नहीं किया और उनका तबादला हो गया। रुपये न मिलने के कारण उसने समय-समय पर आडियो बना लिए जिन्हें अब वायरल कर दिया है।
पाँच हज़ार रु लेन देन का आडियो वेदप्रकाश निवासी पूरनपुरा ने बताया कि उन्होंने भी तहसीलदार को पांच हजार रुपये दिए थे लेकिन जब काम के लिए जाओ तो गालियां देने लगते हैं, इसलिए उनका आडियो बनाकर वायरल कर दिया। रिश्वत के लेन देने के वायरल आडियो के बाबत में तहसीलदार सदर जगदीश सिंह ने बताया कि दोनों लोग उनसे उनके आवास पर मिलने आए थे, उन्हें लखनऊ जाना था, हायपरटेंशन थी इसी बीच दोनों को डांट दिया। पैसे लेने की कोई बात नहीं हुई सभी आरोप गलत हैं।
ज़मीन नाफ़ को लेकर घूस ताखा तहसील में रहते हुए उदय सिंह अपनी जमीन दुरुस्ती के लिए उनसे मिला था लेकिन उस समय भी उससे साफ कह दिया गया था फाइल कंपलीट होने के बाद ही संभव हो सकता है। काम के लिए कोई पैसे भी नहीं लिए है, सभी आरोप उन्हें बदनाम करने के लिए लगाए गए हैं। यदि पैसे लेता तो काम करता लेकिन मैंने कोई आदेश ही नहीं किया था। आरोप लगाने वाला सब्जी का काम करता है तो उससे सब्जी जरूर खरीदी थी, सब्जी के कुछ पैसे जरूर हो सकते हैं।