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मानसून की बेरुखी ने तोड़ा 10 वर्षों का रिकॉर्ड, आसमान की ओर टकटकी लगाये किसान

locationइटावाPublished: Jul 24, 2018 05:44:44 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां पिछले 10 वर्षों में सबसे कम बारिश हुई है, देखें वीडियो

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मानसून की बेरुखी ने तोड़ा 10 वर्षों का रिकॉर्ड, आसमान की ओर टकटकी लगाये किसान

दिनेश शाक्य
इटावा. सावन आने में चार दिन का समय रह गया है। जुलाई का महीना भी बीता जा रहा है। अभी तक बरसात नहीं हुई है। इससे किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है। किसानों को डर सता रहा है कि कहीं इस बार उनकी खरीफ की फसल सूखे की भेंट न चढ़ जाये। आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां पिछले 10 वर्षों में सबसे कम बारिश हुई है। 2018 में अब तक सिर्फ 10 मिलीमीटर ही बारिश हुई है।
इटावा जिले में 52 हजार 54 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है। सबसे ज्यादा परेशान धान उत्पादक किसान हैं क्योंकि बिन बारिश धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। आमतौर पर जून के अंत में बरसात शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार पूरी जुलाई बीती जा रही है और बरसात नहीं हो रही है।

खरीफ की फसल के लिए बरसात की बेहद जरूरत है। जब पानी बरसेगा तभी खेत तैयार होंगे और फसलों की बुवाई शुरू हो जाएगी। किसान पिछले एक माह से आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठा है कि बरसात हो तो खेतों में कामकाज शुरू करे। जिले में एक लाख चार हजार हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की फसल बोई जाती है। इसमें से तो आधी भूमि पर धान की पैदावार होती है। धान के लिए सबसे ज्यादा पानी भी चाहिए होता है, लेकिन पानी एक बूंद भी नहीं है। ऐसे में कुछ किसानों ने तो नहर व रजबहों के पानी से खेत तैयार करने की शुरुआत कर दी है, ताकि वे फसल की बुवाई शुरू कर सकें।
जुलाई का महीना बीतने को है, लेकिन बरसात नहीं हुई है। एक दो दिन हल्की-फुल्की बूंदाबांदी जरूर हुई है, उसके बाद से हल्के बादल छाए रहे, लेकिन बरसात नहीं हुई। जुलाई के महीने में इतनी कम बरसात पहले कभी नहीं हुई है। वर्ष 2009 में सबसे कम 63.54 मिमी बरसात हुई थी, जबकि वर्ष 2014 में भी कम बरसात हुई थी जो 75.05 मिलीमीटर थी। इस बार तो महीना आधा बीत जाने के बाद बरसात की शुरूआत भी नहीं हुई है।
आसमान की ओर टकटकी लगाये हैं किसान
किसान अमर सिंह का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से बादल तो रोज हो रहे हैं लेकिन बरसात नहीं हो रही है। बादलों को देखकर ऐसा लगता है कि झमाझम बारिश होगी लेकिन बादल बिना बरसे ही चले जाते हैं। बादलों से बरसात तो नहीं हो रही है लेकिन किसानों की उम्मीदों पर पानी जरूर फिर रहा है। किसान अशोक कुमार का कहना है कि सावन के महीने तक तो झमाझम बरसात हो जाती थी। इसके विपरीत इस वर्ष अभी बरसात की शुरूआत भी नहीं हुई है। अब सावन के महीने में चार दिन शेष रह गए हैं। लेकिन बरसात कहीं दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में बिन पानी के किसान कैसे फसल की बुवाई करेगा।
पिछले 10 वर्षों मे हुई बरसात
साल बरसात
साल 2008 297.34 मिलीमीटर

साल 2009 63.54. मिलीमीटर

साल 2010 136.77. मिलीमीटर

साल 2011 231.20. मिलीमीटर

साल 2012 145.28. मिलीमीटर

साल 2013 162.45. मिलीमीटर
साल 2014 75.05. मिलीमीटर

साल 2015 121.22. मिलीमीटर

साल 2016 232.40. मिलीमीटर

साल 2017 105.08. मिलीमीटर

साल 2018 10.00. मिलीमीटर

देखें वीडियो…

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