किसान सभा के प्रान्तीय महामंत्री मुकुट सिंह ने ताखा तहसील सहित गावों में कोरोना के खिलाफ देश की जंग में खाद्यान्न योद्वा के रूप में अन्न, सब्जियां, दूध, फल आदि मुहैया कराने वाले किसानों की उपेक्षा और प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर मोदी-योगी सरकारों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने उत्तर प्रदेश सहित इटावा में क्रय केन्द्रों पर गेहूं खरीद की धीमी गति, मनरेगा और राशन वितरण में धांधली रोकने की मांग उठाई। पूर्व जिलाध्यक्ष नाथूराम यादव एवं अमर सिंह शाक्य ने भी भाषण दिए।
ज्ञापन में सभी किसानों के कर्जा माफी, फसलों में लागत का डेढ गुना दाम, खरीद की गारन्टी, लागत कम करने के लिये खाद, बीज, कीटनाशक, बिजली और डीजल को सस्ता करने, लाकडाउन के दौरान घरेलू व निजी नलकूपों के बिजली बिलों की मांफी, पीएम किसान सम्मान योजना बढाकर 18 हजार रूपये करने , लाकडाउन मुआबजा के रूप में 6 माह तक प्रत्येक किसान को 10 हजार रूपये माह देने, गैर करदाताओं को 7500 रू0 एवं फ्री राशन दिये जाने, मनरेगा मजदूरी 300 रूपये सभी मांगने वालों को काम, समय से भुगतान, प्रवासी मजदूरों को फ्री घरों तक पहुंचाना, काम की गारन्टी व 5 हजार रू0 नगद देने, मंडी एक्ट, आवश्यक वस्तु अधिनियम-बिजली, भूमि कानूनों में संशोधनों की वापसी, कोरोना माहमारी के बचाव के लिये प्रभावी राहत आदि मांगों को उठाया गया है।
किसान सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष विश्राम सिंह यादव, लज्जाराम पाल, नरेन्द्र शाक्य, प्रेमशंकर यादव ने डीएम को जिलाध्यक्ष रामप्रकाश पोरवाल, अनिलदीक्षित ने भरथना तहसील में जिलामंत्री संतोष शाक्य, पूर्व जिलाध्यक्ष बीएन वर्मा, उपाध्यक्ष रामवरन, संतोष राजपूत, मुलायमंिसह ने जसवन्तनगर में ज्ञापन दिए।