जानिए क्या पूरा मामला
बताया जा रहा कि यहां पर दोपहर एक बजे से दो बजे तक लंच का अवकाश रहता है और आज भी जब दोपहर दो बजे लंच खत्म करके पहुंचे रिकॉर्ड ऑफिसर केलाश श्रीवास्तव ने जैसे ही धुआं निकलता देखा तो उन्होंने अपने स्टाफ के लोगों को आग लगनेे की सूचना दी और कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत से आग पर काबू पा लिया। हालांकि इसी दौरान मामले की जानकारी दमकल विभाग को फोन पर दे दी गई थी और आनन-फानन में वैदपुरा अग्निशमन केंद्र से एक गाड़ी मौके पर भेजी गई थी लेकिन इससे पहले आग बुझा ली गई थी। बताया जाता है कि शार्ट सर्किट होने से एडम ब्लॉक की में पूरी बिल्डिंग में धुआं भर गया था जिससे अफरातफरी का माहौल हो गया था सभी कर्मचारी मुंह पर कपड़ा लगाए हुए थे वह बाहर निकल रहे थे। एडम ब्लाक में आग लगने की घटना के समय कुलपति भी अपने ऑफिस में मौजूद थे और वे तुरंत ही घटनास्थल पर पहुंचे तथा आग की सूचना पर एसडीएम हेम सिंह, तहसीलदार अरविंद कुमार,थानाध्यक्ष चंद्रदेव सिंह यादव, फायर सीओ के वर्मा भी मौके पर पहुंचे उन्होंने घटना का निरीक्षण किया।
कुलपति प्रोफेसर डॉ राजकुमार ने एसडीएम हेमसिंह, तहसीलदार अरविंद कुमार, फायर सीओ के वर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ आदेश कुमार, डॉ सुनील कुमार,थानाध्यक्ष चंद्रदेव सिंह यादव प्रशासनिक अधिकारी उमाशंकर के साथ एक बैठक की जिसमें आए दिन होने वाली
घटनाओं को लेकर चर्चा की गई।
फायर सीईओ के वर्मा ने बताया कि बैठक में आग जैसी घटनाओं को लेकर व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई जिसमें मुख्य बात यह रही कि आग लगने से बिल्डिंग के अंदर धुआं भर जाता है जिसके लिए एग्जॉस्ट लगाने की व्यवस्था की जाए एक फायर ऑफिसर नियुक्त किया जाने की मांग कुलपति से की। मेडिकल यूनिवर्सिटी के अंदर फायर सब स्टेशन बनवाने के लिए जगह की व्यवस्था की जाए। अगर सैफई में कोई घटना हो जाती है तो वैदपुरा से फायर ब्रिगेड की मशीनें लाई जाती हैं। जिसके लिए कुलपति ने तत्काल व्यवस्थाएं मंजूर कराने का निर्देश दिया। कुलपति ने विद्युत विभाग व मेंटेनेंस के अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा वर्ष 2018 में 17 करोड रुपए मेंटेनेंस के लिए बजट में दिए गए थे फिर भी आए दिन यूनिवर्सिटी के अंदर इस तरह की घटनाएं हो रही है जिस पर सख्त नाराजगी जाहिर की।