शासन के आदेशानुसार सीओ सिटी राजीव प्रताप सिंह की निगरानी में बनाई गई कमेटी ने स्क्रीनिंग कर पांच पुलिसकर्मियों को चिन्हित किया था। कमेटी की रिपोर्ट पर एसएसपी आकाश तोमर ने पांचों पुलिसकर्मियों को रिटायर कर दिया है। इन पुलिसकर्मियों में दो मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस, दो मुख्य आरक्षी चालक और एक मुख्य आरक्षी स्थानीय अभिसूचना इकाई में शामिल हैं।
नागरिक पुलिस के मुख्य आरक्षी रमेश चंद्र और रूप सिंह, मुख्य आरक्षी चालक रवीउल्ला खाॅ और जयवीर सिंह, स्थानीय अभिसूचना इकाई में मुख्य आरक्षी के तौर पर तैनात सुरेंद्र सिंह के नाम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में भ्रष्ट और अक्षम कर्मचारियों को चिह्नित कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के कार्य में तेजी आ गई है। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे या अक्षम पाए गए उत्तर प्रदेश पुलिस के 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग कर उन्हें जबरन रिटायर करने के आदेश पिछले दिनों सीएम योगी ने दिये थे।
सीएम ने भ्रष्ट और अक्षम पुलिसकर्मियों पर जताई थी नाराजगी
पुलिस महानिदेशक की ओर सभी जिलों को भेजे गए दिशा निर्देश में 31 मार्च, 2020 को 50 वर्ष की उम्र पूरी करने वालों की स्क्रीनिंग करने के लिए कहा गया था। इसके लिए सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर स्तर तक की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से सरकारी विभागों में 50 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके भ्रष्ट और अक्षम कार्मिकों को चिह्नित कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के निर्देश पर की जा रही है। पूर्व में गृह विभाग की एक समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने भ्रष्ट और अक्षम पुलिसकर्मियों पर नाराजगी जताई थी। प्रदेश को ऐसे पुलिसकर्मियों की जरूरत नहीं है जो अपनी नौकरी और व्यवस्था के प्रति ईमानदार नहीं हैं। इस सिलसिले में पिछले वर्ष भी सभी जोनल पुलिस प्रमुखों को पत्र भेजा गया था।