गौतमबुद्ध नगर में हरिश्चंद्र और उनकी पत्नी उषा चंद्र अपने नाबालिक बच्चों के साथ एक फ्लैट में रह रहे हैं। जिसके पड़ोस में रह रहे रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान आए दिन बेवजह की गालियां और तंज कसते हुए उनके परिवार को आए दिन परेशान करते रहते हैं।
यह है पूरा मामला
बताया जाता है कि हरिश्चंद्र किसी मुजफ्फरनगर में तैनाती होने की वजह से अपने बीवी और बच्चों को गौतम बुद्ध नगर के आवास पर ही छोड़ कर चले जाते थे। एक दिन उनकी पत्नी जब पास में बने गार्डन में टहलने के लिए जा रही थी तो कर्नल उनके पीछे-पीछे आ गया उनका हाथ पकड़ कर उनसे लड़ाई झगड़े करते हुए छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी लेकिन अनुषा चंद्र ने चीखते चिल्लाते हुए वहां मौजूद लोगों को इकट्ठा कर पुलिस को सूचना कर दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने रिटायर्ड कर्नल को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया लेकिन अपनी ताकत का इस्तेमाल कर वह जमानत पर बाहर तो आ गया। उसके बाद उसने कर्नल ने एडीएम की बीवी और एक बच्चे के खिलाफ हत्या के प्रयास जैसे गंभीर धाराओं में फर्जी मुकदमा दायर कर जेल भेजने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो पाया।
मुख्यमंत्री मायावती भी रिटायर्ड कर्नल के विरोध में हुई खड़ी
बताया जाता है कि रिटायर्ड कर्नल और उसका परिवार विदेश में रह रहा है लेकिन रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान गौतम बुद्ध नगर में अकेले रहता है। इस पूरे वाक्य को संज्ञान में लेने के बाद हरिश्चंद्र को निलंबित कर दिया गया है। इसकी आवाज दलित समुदाय के लोगों के साथ मिलकर प्रदेश के अधिकारियों और मंत्रियों से भी की है। मामला इतना बड़ा हो गया कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती अब रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान के विरोध में खड़े होकर कर्नल के खिलाफ भी आवाज उठाने पर आमादा हो गई हैं।