सन 1967 में यमुना के बीहड़ों में आवाद और यमुना के किनारे बसे गांव कचौरा में जन्मे गुड्डू का लालन पालन ग्रामीण परिवेश में हुआ। पिता सत्यप्रकाश श्रीवास्तव वन विभाग में छोटी नौकरी करते थे। दो भाई और दो बहनों समेत गुड्डू श्रीवास्तव पिता की नौकरी के कारण गांव से इटावा आ गए और इंटर तक ही पढ़ सके। इसके बाद लोकूमल टोपनदास की फर्म में अपने भाई के साथ ही छोटी नौकरी करने लगे।
रविन्द्र श्रीवास्तव गुड्डू की लगन, मेहनत फुर्ती और हाजिर जबाबी से काफी प्रभावित हुए। गुड्डू से अपनी पार्टी के काम कराने लगे । मुलायम के स्व भतीजे रणवीर सिंह यादव ने जब सैफई महोत्सव सन 1996 में शुरू किया था, तो गुड्डू श्रीवास्तव को अपनी प्रबंधकीय टीम में रखा, बाद में 2003 में विधिवत महोत्सव का पंजीकरण हुआ, तो गुड्डू कार्यकारिणी सदस्य बनाये गए। सन 2014 में मुख्यमंत्री ने उन्हें कल्याण निगम का दर्जा प्राप्त रानी मंत्री भी बनाया और कायस्थ समाज के सपा के सेतु बने।
दुर्भाग्य से 20 महीने पूर्व कमर के दर्द के शिकार गुड्डू श्रीवास्तव को मुम्बई केंसर इंस्टिट्यूट ने रीढ़ की हड्डी के केंसर घोसित किया और देश के बड़े अस्पतालों, संस्थानों में इलाज के साथ हिमालय की तराई के धर्मशाला में भी लंबा इलाज चला, मगर मौत 52 वर्षीय इस जांबाज के सामने विजय हो गयी।
उनके निधन को सपा संरंक्षक मुलायम सिंह से लेकर अखिलेश यादव, प्रो रामगोपाल यादव, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप सिंह यादव, अक्षय यादव, राजपाल सिंह यादव, अंशुल यादव आदि ने अपूर्णिनीय व्यक्तिगत क्षति बताया है। प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव, आदित्य यादव ने भी गहरा दुख व्यक्त किया। सैफई महोत्सव प्रबंधक वेदव्रत गुप्ता ने उनके निधन को महोत्सव के लिए बड़ी क्षति बताई है।