scriptपराली जलाने के बजाय खाद बनाएं : लाखन सिंह राजपूत | Lakhan Singh Rajput said Make manure instead of burning stubble | Patrika News

पराली जलाने के बजाय खाद बनाएं : लाखन सिंह राजपूत

locationइटावाPublished: Nov 07, 2019 08:16:18 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

किसान पराली को न जलाये बल्कि उसे अपने खेतो में एक जगह एकत्र कर उस पर पानी का छिड़काव करें ताकि वह खाद बन सके।

पराली जलाने के बजाय खाद बनाएं : लाखन सिंह राजपूत

पराली जलाने के बजाय खाद बनाएं : लाखन सिंह राजपूत

इटावा. उत्तर प्रदेश के कृषि शिक्षा राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने कहा है कि राज्य के कई हिस्से मे मौसमी असंतुलन की मार से हर कोई परेशान नजर आ रहा है इसलिए किसान पराली को न जलाये बल्कि उसे अपने खेतो में एक जगह एकत्र कर उस पर पानी का छिड़काव करें ताकि वह खाद बन सके। राजपूत ने कहा कि पैराली खेतो में न जलाने के लिए किसानो को गोष्ठियों,सेमिनारो के माध्यम से पराली न जलाने का प्रशिक्षण संचालित किया रहा है। किसान पराली को न जलाये बल्कि उसे अपने खेतो में एक जगह एकत्र कर उस पर पानी का छिड़काव करें ताकि वह खाद बन सके। पैराली जलाने से भूमि के जीवाणु नष्ट होते हैं साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति भी कमजोर होती है।

मत्स्य प्रौद्योगिक संस्थान में मत्स्य पालन हेतु बनाये गये पक्के तालाब सूखे पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इन तालाबों मत्स्य पालन कर संस्थान की आय बढ़ायी जा सकती है, परन्तु ऐसा नहीं किया जा रहा है जो खेदजनक है 5 तालाबों में से मात्र एक तालाब में मत्स्य पालन पाया गया। उन्होेंने संस्थान में बड़ी बड़ी झाडि़यां खड़ी पाये जाने पर संस्थान की सफाई कराये जाने के निर्देश दिये।

प्रदेश सरकार का संकल्प है कि प्रदेश के संस्थानो का निरीक्षण किया जाये जो भी कमियां है उन्हें दूर किया जाए। प्रदेश कृषि विश्वविद्यालयों में अधिक खाद्यान्न उत्पादन के विभिन्न प्रकार के शोध कर किसानों को आधुनिक वैज्ञानिक विधि से खेती करने के प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि वर्ष 2022 तक उनकी आमदनी दोगुनी हो सके। किसानों के कठिन मेहनत के कारण खाद्यान्न उत्पादन में 604 लाख मैट्रिक टन हुआ है खाद्यान्न उत्पादन में प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा है। प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों में अधिक खाद्यान्न उत्पादन के विभिन्न प्रकार के शोध कर किसानों को आधुनिक वैज्ञानिक विधि से खेती करने के प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि वर्ष 2022 तक उनकी आमदनी दोगुनी हो सके। किसानों के कठिन मेहनत के कारण खाद्यान्न उत्पादन में 604 लाख मैटिक टन हुआ है खाद्यान्न उत्पादन में प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा है।

राजपूत ने कृषि इंजीनियरिंग कालेज, दुग्ध प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, मत्स्य महाविद्यालय, प्रशासनिक भवन सहित फार्म मशीन लैब, ब्लेैक स्मिथी लैब, बैल्डिंग सीट, मेटल शाप, कैड लैब, स्वायल टेस्ट लैब, इलेक्ट्रानिक क लैब, कम्प्यूटर लैब, फिजिक्स लैब आदि गहनतापूर्वक निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि ए. के. सिंह आदि उपस्थित रहे।

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