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20 सालों से मदरसे मे राष्ट्रगान गाकर स्कूली बच्चों में भरा जा रहा है राष्ट्रभक्ति का जज्बा

locationइटावाPublished: May 14, 2022 06:59:20 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भले ही अब मदरसों मे पढाई से राष्ट्रगान की प्राथमिकता रखी हो लेकिन इटावा मे एक मदरसे मे 20 सालों से राष्ट्रगान गा कर राष्टभक्ति का जज्बा स्कूली बच्चो मे भरा जा रहा है।

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Madarsa

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भले ही अब मदरसों मे पढाई से राष्ट्रगान की प्राथमिकता रखी हो लेकिन इटावा मे एक मदरसे मे 20 सालों से राष्ट्रगान गा कर राष्टभक्ति का जज्बा स्कूली बच्चो मे भरा जा रहा है।
इटावा मुख्यालय पर पक्का तालाब पर स्थिति दारूल उलम चिश्तिया मदरसे मे आज सुबह क्लास शुरू होने से पहले राष्ट्रगान को गाकर सभी स्कूली बच्चो संचालकों और शिक्षकों ने देशभक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया।
राष्ट्रगान गाकर नई ऊर्जा का एहसास

दारूल उलूम चिश्तिया मदरसा संचालक हाफिज फैजान चिश्ती ने सरकार के इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि उनको और उनके मदरसे मे पढ़ने वाले बच्चों को राष्ट्रगान गाकर फख्र तो महसूस हो ही रहा है साथ ही एक नई ऊर्जा का भी एहसास हो रहा है। उनका कहना है कि बेसक सरकार ने यह आदेश अभी जारी किया है लेकिन उनके मदरसे मे बहुत ही पहले से राष्ट्रगान गाया जा रहा है। उनका कहना है कि वो पिछले 20 साल से मदरसा संचालित कर रहे है और हमारे यहा पढाई से ही राष्ट्रगान गाया जाता रहा है।
मदरसा संचालक हाफिज फैजान चिश्ती ने कहा कि राष्ट्रगान का यह आदेश सरकार के लिए नया हो सकता है लेकिन यह कोई मुद्दा इसलिए नही है क्योंकि उनके इस मदरसे में पिछले 20 वर्ष पढाई से पहले राष्ट्रगान गाया जा रहा है। लेकिन अब सरकार ने आदेश देकर साफ कर दिया है कि हर हाल में पढाई से पहले राष्ट्रगान का किया जाना जरूरी कर दिया गया तो यह बहुत ही अच्छी बात है। सरकार का यह आदेश का स्वागत योग्य है।
मदरसा संचालक यह भी कहने से नही चूके कि जिसको अपने वतन से मोहब्बत होगी उसे आखिर क्यों राष्ट्रगान पढ़ने से दिक्कत होगी हमें राष्ट्रगान पढ़ने से फक्र महसूस होता है।राष्ट्रगान से उनके स्टाफ और बच्चों में एक नई ऊर्जा का संचालन होता है हमारे यहां मदरसों में राष्ट्रगान पहले से गाया जाता रहा है और आगे भी गाया जाता रहेगा।
सभी मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य

शुक्रवार से प्रदेश के सभी में मदरसों में राष्ट्रगान को गाए जाने को लेकर आदेश किया गया था लेकिन शुक्रवार को जुमे के दिन मदरसों में छुट्टी होने के चलते मदरसे बंद थे जिसके बाद आज पहले दिन मदरसे खुलने के बाद मदरसा दारुल उलूम चिश्तिया में बच्चों और स्टाफ ने राष्ट्रगान गाकर दिन की शुरुआत की। इटावा के पक्का तालाब स्थित मदरसा दारुल उलूम चिश्तिया में आज से नया सत्र शुरू होने के बाद आज पहले दिन सुबह प्रार्थना के समय मदरसे के नन्हे मुन्ने बच्चों ने राष्ट्रगान गाकर दिन की शुरुआत की। क्लास केजी से 8 तक चलने वाले मदरसे में अरबी, उर्दू, दीनी इस्लामी तालीम के साथ ही हिंदी, अंग्रेज़ी, मैथ, साइंस, कंप्यूटर, के साथ ही अन्य विषयों की शिक्षा दी जाती है। इस मदरसे में इस समय 80 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
मदरसे की एक शिक्षिका का कहना है कि उनके मदरसे मे राष्ट्रगान को प्राथमिकता और वरीयता के साथ काफी पहले से गाया जाता रहा है। इस मदरसे में अरबी, उर्दू, दीनी इस्लामी तालीम के साथ ही हिंदी, अंग्रेज़ी, मैथ, साइंस, कंप्यूटर, के साथ ही अन्य विषयों की शिक्षा प्रमुखता से दी जाती है।

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