सहायक पासपोर्ट अधिकारी विक्रांत यादव ने मंगलवार की दोपहर को प्रधान डाकघर में पासपोर्ट कार्यालय खोलने के लिए स्थान देखे। जिनमें उन्हें अधीक्षक आवास का स्थान सबसे ठीक लगा। स्थान देखने के लिए आए श्री यादव ने बताया कि पासपोर्ट कार्यालय बनाने के लिए बना बनाया भवन चाहिए, उसकी मरम्मत का कार्य विभाग कराएगा। नया भवन नहीं बनेगा। इस कार्यालय के लिए 300 वर्गफुट के भवन की जरूरत है, जबकि अधीक्षक कार्यालय में लगभग 400 वर्गफुट जगह है जो कि पासपोर्ट कार्यालय के लिए पर्याप्त है।
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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वे इस संबंध में अपनी रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेज देंगे। रिपोर्ट स्वीकार होने के बाद दो माह में पासपोर्ट कार्यालय इटावा में काम करना शुरू कर देगा। डाक विभाग के आशुतोष त्रिवेदी व राघवेंद्र ने उन्हें प्रधान डाकघर व अधीक्षक कार्यालय के विभिन्न स्थान दिखाए जहां कार्यालय बनाया जा सकता है। जिसमें उन्होंने अधीक्षक आवास को फाइनल किया है। इससे पहले भी एक बार पासपोर्ट विभाग के अधिकारी आए थे और प्रधान डाकघर में जगह मांगी थी।
इस संबंध में डाक अधीक्षक मनोज कुमार ने कहा था कि यदि पासपोर्ट कार्यालय के लिए अधीक्षक आवास पसंद आया तो उसे भी पासपोर्ट कार्यालय के लिए दे दिया जाएगा। सहायक पासपोर्ट अधिकारी विक्रांत यादव ने बताया कि पासपोर्ट कार्यालय के काम शुरू होते ही पासपोर्ट बनवाने के लिए कामकाज भी शुरू हो जाएगा। शुरूआती दौर में बायोमैट्रिक इटावा कार्यालय में ही होगी तथा कागजों का वैरीफिकेशन भी इटावा कार्यालय से ही कराया जाएगा। जबकि बाद के दो स्टेप की कार्रवाई लखनऊ कार्यालय से होगी। लेकिन इटावा में कामकाज शुरू होने के दो-तीन माह के अंदर सभी कार्रवाई इटावा में ही होने लगेगी और फिर पासपोर्ट के लिए कानपुर, लखनऊ की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
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प्रधान डाकघर में स्थित डाक अधीक्षक आवास में पासपोर्ट कार्यालय बनाए जाने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही कार्यालय के लिए पर्याप्त जगह भी है। जगह देखने आए अधिकारी को यह स्थान पसंद आया है। जिससे संभावना है कि पासपोर्ट विभाग इस स्थान पर कार्यालय बनाने को अंतिम रूप दे देगा।