इसके साथ ही कहा कि सभी शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर सेवा समाप्ति के साथ रिकवरी की भी तैयारी चल रही है। जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के विभिन्न स्कूलों में यह शिक्षक कार्यरत हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
शासन के निर्देश पर वर्ष 2010 के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में नियुक्ति पाए शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कराई गई थी। यह जांच विभाग की ओर से कराई गई। जांच के बाद प्रशासन को जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें 21 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। यह जांच डीएम की ओर से बनाई गई एक कमेटी के निर्देशन में कराई गई थी। इस कमेटी में अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक तथा एडी बेसिक शामिल हैं। कमेटी ने शिक्षा विभाग से आई जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगे जाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से नोटिस भेजे जा रहे हैं।
शिक्षकों में मचा हड़कम्प
इस मामले को लेकर शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। यह जांच पिछले काफी दिनों से चल रही थी। बीच में जांच में कुछ सुस्ती भी आई, लेकिन कमेटी की सक्रियता के चलते तेजी से जांच हुई और यह रिपोर्ट सामने आई है। आगरा यूनीवर्सिटी से फर्जी कागजात का प्रकरण सामने आने के बाद शासन ने पूरे प्रदेश में उन सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कराने के निर्देश दिए थे, जिनकी नियुक्ति वर्ष 2010 के बाद की गई है। इस जांच में फिलहाल 21 शिक्षक दोषी पाए गए हैं। स्पष्टीकरण मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। बीएसए अजय कुमार ने बताया है कि नोटिस जारी किए जा रहे हैं।