इटावा जिले के विकास खंड चकरनगर की ग्राम पंचायत सहसों में कराये जा रहे मनरेगा के तहत मेड़बंदी के कार्य को लेकर मजदूर उस समय भडक गये, जब रोजगार सेवक द्वारा मनरेगा मजदूरों को वगैर फीता के अनुमानित चार मीटर लंबी और एक मीटर गहरी मिट्टी खोदने का आदेश दिया गया। उपरोक्त मामले से क्षुब्ध ग्राम पंचायत के बार्ड नंबर पांच से सदस्य दिलीप कुमार ने आरोप लगाते हुए बताया कि ऐसी तेज धूप में चार मीटर लंबी कठोर मिट्टी खोदने का रोजगार सेवक द्वारा आदेश दिया गया है, जब कि मानक कम है। यहां ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक अपनी मनमर्जी से काम करा रहे है और आज तक ग्रामसभा की एक भी बार मीटिंग नहीं बुलाई गई है और न ही किसी भी प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर कराये गये है। यदि उनके हस्ताक्षर प्रस्ताव पर किये गये है, तो वह फर्जी है। प्रधानी कार्यकाल समाप्त होने पर है। लेकिन आज तक ये मालूम नहीं कि उसे किस कार्य से संबंधित सदस्य बनाया गया है।
इस मौके पर मौजूर वार्ड नंबर चार से सदस्य श्रीमती मछला देवी के पति राजेन्द्र यादव ने भी उपरोक्त सदस्य की बात का जोरदारी से समर्थन किया। इसके उपरांत बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा पांच वर्ष के कार्यकाल में सही कार्य न करके सिर्फ अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने और वोटरों को रिझाने के लिये आज तक कार्य किया जा रहा है। प्रदीप कुमार सदूपुरा ने बताया कि उन लोगों से अधिक काम कराया जा रहा है और जो घर पर लेटे है। उनकी फर्जी हाजिरी लगाकर इस धन का बंदर बांट किया जाता है।
इस मौके पर मौजूद दो दर्जन मजदूर ग्राम प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक के विरोध में खडे दिखाई दिये। रोजगार सेवक विमलेश कुमार ने बताया कि फीता अभी आ रहा है, तब नाप हो जायेगा। तीन मीटर मिट्टी खोदने के आदेश है, अभी अंदाज से दे दी गई है। पंचायत सचिव रमेश तिवारी ने बताया कि नया काम शुरू करने पर इनको काम दिया गया है। पूरा करने पर ही पेमेंट होगा। प्रस्ताव पर सभी के हस्ताक्षर होते है, कोई छूट गया हो तो नहीं पता। सदस्यों को एक भी बार न बुलाने की बात पर साधी चुप्पी।