जानें क्या पूरा मामला
इटावा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अनिल कुमार अग्रवाल का कहना है कि आउटसोर्स नर्सो की मांग को हर हाल में माना जाएगा और उनको किसी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन सबसे पहले उनकी प्राथमिकता यह है कि जो बीमार नर्सें हैं उनको उपचार दिलाने के लिहाज से सभी बीमार नर्सों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है। जिस कारण गुरुवार को दोपहर के समय एक नर्स पूरी तरह तथा दो अर्द्ध बेहोशी की हालत में गिर गई। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने तीनों को जिला अस्पताल भर्ती कराया। इस दौरान अन्य हडताली नर्सों ने सीएमएस तथा सीएमओ पर टालमटोल को लेकर गंभीर आरोप लगाए।
ये भी पढ़ें – KGMU डॉक्टरों ने बताया कैसी है पीड़िता की हालत, एयरलिफ्ट के सुझाव पर दिया बड़ा बयान
आउटसोर्सिंग कंपनी अवनि परिधि कंपनी के माध्यम से जिला अस्पताल, सीएचसी तथा पीएचसी पर तैनात हुई नर्सें बीते छह माह का मानदेय तथा बीते एक अप्रैल से फिर से कार्य के लिए नवीनीकरण न किए जाने से परेशान हैं। कई बार धरना-प्रदर्शन के बावजूद कोई सुनवाई न होने पर भूख हड़ताल पर पांच नर्सें बैठ गई जबकि अन्य नर्सें उत्साह वर्धन करने को साथ में बैठी रहीं।
गुरुवार को दोपहर के समय सोनी उर्फ सुहालिया खान बेहोश होकर गिर पड़ी उसके साथ ज्योति तथा मंजूदेवी भी कमजोरी आने से अर्द्ध बेहोश होकर गिर गई। सूचना पाकर सिटी मजिस्ट्रेट सत्येंद्र नाथ शुक्ल, एसडीएम सदर सिद्धार्थ मौके पर पहुंचे, इस दौरान सीएमओ तथा सीएमएस भी आ गए। बेहोश नर्सों को तो एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। अन्य नर्सों ने अवनि कंपनी और सीएमओ तथा सीएमएस पर कई गंभीर आरोप लगाए।
ये भी पढ़ें – उन्नाव गैंगरेप पीड़ित को लेकर KGMU से आई बड़ी खबर, मेडिकल बुलेटिन से बढ़ी परिवार की मुश्किलें, मामला पल्टा
मजिस्ट्रेट ने सभी को दिया आश्वासन
सिटी मजिस्ट्रेट ने सभी को आश्वासन दिया कि एक-एक बिदु की जांच करके कड़ी कार्रवाई की जाएगी। करीब डेढ़ दर्जन नर्सें बीते दिवस से आमरण अनशन पर बैठी हुई है, सुरक्षा के नाम पर एक महिला सिपाही और होमगार्ड उनकी सुरक्षा में तैनात किए गए थे जो सुबह होने पर स्वत ही चले गए। सभी नर्सों ने रात के साए में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने की मांग की, उनका कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।