अभियान से काफी हद तक लगा ओवरलोड ट्रकों पर अंकुश अगर बीते साल से तुलना करें, तो करीब एक करोड़ रुपये के लिहाज से राजस्व में बढ़ोतरी हुई। सरकार के कड़े नियमों से एआरटीओ द्वारा चलाए जा रहे अभियान से ओवरलोड पर काफी हद तक रोक हुई है। इस पर काफी हद तक अंकुश लगा है।
कई जगहों पर हुई ओवरलोड जनपद खनन माफिया का प्रमुख केंद्र बना हुआ था। प्रदेश से पहले योगी सरकार ने और भी कई जगहों से ओवरलोड पर अंकुश लगाई है। झांसी, कालपी और मध्यप्रदेश से भी ओवरलोड हटाया गया है। यहां से ओवरलोड ट्रक दूसरे जिलों में भेजे गए हैं। प्रदेश में योगी सरकार से पूर्व रोजाना करीब एक हजार बालू खनन के ट्रक इस जनपद से खुलेआम आवागमन करते थे।
ओवरलोड बालू लाने वालों के खिलाफ अभियान पिछले एक साल से झांसी और कालपी से बालू आना बंद है। मध्यप्रदेश से ओवरलोड बालू लाने वालों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत ओवरलोड पर काफी हद तक अंकुश लगाया गया है। इसी के साथ जुर्माना के रूप में प्रदेश सरकार के राजस्व में इजाफा हुआ है।
ओवरलोड वाहनों का आंकड़ा वर्ष 2016-17 में 2751 वाहनों के चालान कटे थे। इसी के साथ ही 1518 वाहन सीज किए गए थे, जिसमें 177.44 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया था। जनवरी 2018 में 4087 वाहनों के चालान और 2220 वाहनों को सीज करके 271.92 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया।
ये अभियान 31 मार्च तक चलेगा। इस तारीख तक ओवरलोड वाहनों को सीज कर उससे जुर्माना वसूली कर सरकार के राजस्व में पिछले वर्ष की तुलना में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।