उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री और इटावा के प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह उम्रकैद की सजा पा चुके आशाराम बापू की तस्वीरों का रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबधंक के कार्यालय में लगे होने के मुद्दे पर सवाल किये जाने पर उनका जबाब बड़ा ही हैरत भरा इसलिए नजर आया क्यो कि उनका कहना है कि यह व्यक्तिगत मामला है और श्रद्धा से जुडा हुआ माना जा रहा है लेकिन उनके संज्ञान में अभी कुछ भी नहीं है इसलिए इस मामले को दिखवाया जा रहा है।
बलात्कार के मामले में सजा पा चुके आसाराम बापू की एक नहीं कई तस्वीरें परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक के कार्यालय में लगी हुई है। इन तस्वीरों के लगे होने की खबर मिलने के बाद स्थानीय मीडिया के कई प्रतिनिधि इसको कवरेज करने के लिए कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया । वह वहां से कैमरे के सामने आने के बजाय चंपत हो गए। काफी कोशिशों के बावजूद कोई भी शख्स इस बात की जानकारी देने के लिए तैयार नहीं हुआ कि आखिरकार आसाराम बापू की इस तरह से तस्वीरों को किसने लगा कर के रखा हुआ है और अगर लगाई भी थी तो फिर सजा पाए जाने के बाद इन तस्वीरों को हटाया क्यों नहीं गया। यह बड़े ही आश्चर्य का विषय समझ में आ रहा है कि उम्र कैद की सजा पाए हुए एक ऐसे शख्स की तस्वीर परिवहन निगम के क्षेत्रीय कार्यालय में प्रेरणास्रोत बनी हुई है जिसको बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।
आसाराम बापू की इन फोटो और तस्वीरों को किसने लगाया यह भी कोई बताने के लिए इस कार्यालय में तैयार नहीं है ।
आसाराम बापू की इन फोटो और तस्वीरों को किसने लगाया यह भी कोई बताने के लिए इस कार्यालय में तैयार नहीं है ।
अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इटावा के रोडवेज के क्षेत्रीय प्रंबधक कार्यालय में देखा जा रहा है । देश के महापुरुषों के स्थान एक बलात्कारी पुरुष की कार्यालय के दीवारों और अलमारियों पर लगी है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात का ऐलान किया था कि हर कार्यालयों में हमारे महापुरुष महात्मा गांधी और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की तस्वीरों को लगाना अनिवार्य है लेकिन आरएम कार्यालय के कर्मचारियों के कमरे में जाकर देखा गया तो इस बात को देख कर हैरानी हुई कि आज भी उस बलात्कारी पुरुष की तस्वीरें कार्यालयों की अलमारियों और दीवारों पर लगाई रखी हैं । इन तस्वीरों को लगाकर मुख्यमंत्री के आदेशों का उल्लंघन खुलेआम किया जा रहा हैं । आम आदमी अगर किसी काम से कार्यालय में प्रवेश करता है तो उसको यह देख कर कैसा लगेगा ।
इटावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष गोपाल यादव का कहना है कि जब सरकार ही निरकुंश है तो फिर अधिकारियों की बात ही क्या की जाए वो अपने कार्यालय में किसकी तस्वीर लगाते है इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन किसी अपराधी की तस्वीर को सरकारी कार्यालय में लगाने के मुद्दे पर कार्रवाई जरूर ही बनती है।
इटावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष गोपाल यादव का कहना है कि जब सरकार ही निरकुंश है तो फिर अधिकारियों की बात ही क्या की जाए वो अपने कार्यालय में किसकी तस्वीर लगाते है इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन किसी अपराधी की तस्वीर को सरकारी कार्यालय में लगाने के मुद्दे पर कार्रवाई जरूर ही बनती है।
उनका कहना है कि गलत काम करने वाले कर्मियों को प्रोत्साहन देने वाले मंत्री के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। उधर काग्रेंस अध्यक्ष उदयभान सिंह यादव भी कहते है कि जब अदालत ने आशाराम बापू को बलात्कार के मामले मे उम्रकैद की सजा सुना दी गई है ऐसे में उनसे जुड़ी हुई स्मृतियों को पूरी तरह से विलुप्त कर देना चाहिए लेकिन ऐसे अगर सरकारी कर्मी अपने अपने कार्यालयों में उनकी तस्वीरों को लगा कर रखते है तो फिर भी ऐसे कर्मियों के खिलाफ ना केवल कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए बल्कि ऐसे करने वाले सरकारी कर्मियो और अधिकारियों का पक्ष लेने वाले परिवहन मंत्री को भी जांच के दायरे में रखना चाहिए जो अपने कर्मियों और अफसरों को बचा रहे है ।
बताते चले कि आशाराम बापू को इसी साल अप्रैल माह में नाबालिग से बलात्कार के मामले मे उम्रकैद की सजा सुना जा चुकी है । इससे पहले उनकी छवि एक नामी संत के तौर पर रही है । पूरी दुनिया मे आशाराम के करीब 4 करोड़ से अधिक अनुयाई है और दस हजार करोड़ की संपति बताई गई है ।
बताते चले कि आशाराम बापू को इसी साल अप्रैल माह में नाबालिग से बलात्कार के मामले मे उम्रकैद की सजा सुना जा चुकी है । इससे पहले उनकी छवि एक नामी संत के तौर पर रही है । पूरी दुनिया मे आशाराम के करीब 4 करोड़ से अधिक अनुयाई है और दस हजार करोड़ की संपति बताई गई है ।