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सपा नेता से हुई “सिंघम” की भिंड़त, लेकिन भाजपा एमएलए के दखल पर हटाये गये चौकी इंजार्च

locationइटावाPublished: Jul 16, 2018 09:15:57 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

वहीं सपा नेता को जमानत दे दी गई।
 

Police station Incharge got transferred after conflict with SP leader

सपा नेता से हुई “सिंघम” की भिंड़त, लेकिन भाजपा एमएलए के दखल पर हटाये गये चौकी इंजार्च

इटावा. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थापित इटावा जिले की उदी चौकी में ओवरलोड ईटों भरे ट्रैक्टर को गुजारने को लेकर समाजवादी पार्टी के एक नेता से चौकी इंचार्ज के हुए विवाद के बाद इटावा की पुलिस बैकफुट पर नजर आ रही है क्योंकि जिस समाजवादी पार्टी के नेता को पुलिसकर्मी की वर्दी फाडऩे और चौकी के भीतर जाकर के दबंगई दिखाने के मामले मे गिरफ्तार किया गया था। सबसे हैरत की बात तो यह और मानी जायेगी उस नेता को ना केवल थाने से जमानत दी जाती है बल्कि उदी चौकी इंचार्ज को भी 24 घंटे के भीतर हटा भी दिया जाता है ।
सूत्र बताते हैं कि जातीय लोगों के दबाव में आकर के इटावा सदर की एमएलए सरिता भदौरिया ने कानपुर जोन के आईजी आलोक सिंह को उदी चौकी इंचार्ज सुशील कुमार द्विवेदी उर्फ सिंघम को हटाए जाने का अनुरोध किया जिस पर उन्होंने त्वरित ढंग से इटावा एसएसपी को निर्देशित किया कि ऐसे चौकी इंचार्ज को तात्कालिक तौर पर हटाया जाए जिसकी वजह से इलाके में असंतुलन का माहौल पैदा हो रहा है क्योंकि आज की तारीख में असंतुलन का माहौल किसी बड़ी समस्या को खड़ा कर सकता है इसलिए चौकी इंचार्ज का हटाया जाना बेहद आवश्यक है। आईजी आलोक कुमार के निर्देश के साथ में ही एसएसपी अशोक कुमार ने मात्र डेढ़ महीने पहले तैनात किए गए चौकी इंचार्ज सुशील कुमार द्विवेदी को वहां से हटा करके सिविल लाइन इलाके में पोस्ट कर दिया और सिविल लाइन इलाके के वरिष्ठ सब इंस्पेक्टर सतीश राठौर को उदी चौकी इंचार्ज के तौर पर तैनात कर दिया। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद यह पहला वाक्या माना जा सकता है कि जिसमें इटावा पुलिस किसी चौकी इंचार्ज को ले करके बैकफुट पर आई हो।
समाजवादी पार्टी के जिस नेता को वर्दी फाडऩे और उदी चौकी मे हंगामा करने के मामले मे गिरफतार करने के बाद थाने से बीमारी का हवाला देकर जमानत दे दी गई असल मे वो समाजवादी पार्टी की जिला ईकाई मे सचिव है।
उदी चौकी मे हुए हंगामे बबाल के बाद मुकदमा दर्ज करने का निर्देश देने वाले एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी बताते हैं कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था, लेकिन थाने में ही आरोपी की तबियत खराब हो गई जिस कारण उसको थाने से ही जमानत दे दी गई लेकिन चौकी इंजार्च उदी को हटाने के मुददे पर उनके पास कोई जबाब नहीं है वो बस इतना बोल पाते हैं कि जनहित में यह निर्णय लिया गया है। यह बात किसी को भी समझ में नहीं आ रही है कि आाखिरकार एक ही रात मे जनहित कैसे सामने आ गया जब कि हंगामे से पहले जो कार्यवाहियां पुलिस कर रही थी वो सब की सब उचित थी। सुशील कुमार इटावा कोतवाली की रेलवे रोड चौकी में अपनी तैनाती के समय सिंघम के नाम से लोकप्रिय रहे हंै लेकिन उदी चौकी में पहुंचते ही उनकी छवि पर बट्टा लग गया।

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