इटावा

रेल पटरी के टूटने से कर्मचारियों में मचा हड़कंप, आनन-फानन में रोकी गई राजधानी-शताब्दी जैसी ट्रेनें

इटावा में रेल पटरी टूटने के कारण राजधानी और शताब्दी जैसी रेल गाड़ियं हुई एक घंटे से अधिक विलंब.

इटावाJan 03, 2019 / 06:35 pm

Abhishek Gupta

Broken Railway track

इटावा. इटावा में दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर अप लाइन पर साम्हो व अछल्दा सेक्शन के बीच में पटरी टूट जाने से रेल प्रशासन में हडकंप मच गया। रेल पटरी टूटने के कारण राजधानी और शताब्दी जैसी महत्वपूर्ण रेलगाडियॉ एक घंटे से अधिक समय तक खड़ी रहीं।
यह है मामला-

इटावा रेलवे जक्शंन अधीक्षक पूरन मल मीना ने बताया कि गुरुवार सुबह रेल पटरी टूट जाने के कारण कानपुर और टूंडला रेलखंड के बाद यात्री और मालागाड़ियों की आवाजाही रुक गई। रेल पटरी टूटने के कारण करीब एक घंटे तक रेल यातायात प्रभावित रहने के कारण भुवनेश्वर राजधानी व कानपुर शताब्दी समेत कई एक्सप्रेस रेलगाडियों को रोका गया। रेल पटरी टूटने की खबर मिलने के बाद रेलवे की तकनीकी टीम की ओर से टूटी पटरी की मरम्मत किए जाने के बाद रेल यातायात शुरू हो सका। साम्हों व अछल्दा सेक्शन के बीच सुबह करीब 6 बजे पटरी टूट गई। इसकी जानकारी मिलने पर रेलवे कर्मियों ने पीछे से आ रही नई दिल्ली भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस को अछल्दा स्टेशन पर रोक दिया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद आई पूर्वा एक्सप्रेस व पीछे से आई कानपुर-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस को रोका दिया गया। साम्हो रेलवे स्टेशन मास्टर की सूचना पर रेलवे के तकनीकि कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंची और टूटी पटरी के ज्वाइंट को ठीक किया। यहां पर 20 किमी प्रति घंटा का कॉशन लगा दिया गया। एक घंटे बाद भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस को सबसे पहले धीमी गति से आगे के लिए पास किया गया। पटरी टूटने के कारण सभी गाड़ियां करीब एक घंट तक विलंबित रहीं।
पहले ही हो चुका है ऐसा-

इससे पहले 22 दिसंबर को बलरई रेल स्टेशन के पास रेल पटरी टूटने से रेल अमले मे हड़कंप मच गया था । करीब डेढ़ इंच रेल पटरी टूटी हुई पाई गई थी। साढ़े छह बजे ट्रेनों को रूट से होकर गुजारा गया। एक घंटे तक रूट प्रभावित रहा। रेल पटरी टूटने के कारण अप लाइन पर कानपुर से आ रही पैसेंजर ट्रेन, इटावा आगरा पैसेंजर, गरीब रथ, राजधानी समेत कई ट्रेनों को रोका गया था। ऐसा कहा जाता है कि सर्दी बढ़ने के साथ रेल फ्रैक्चर होने की घटनाएं बढ़ जाएंगीं। जब ट्रैक सुकड़ने लगता है तो फ्रैक्चर हो जाता है। जब से आटोमैटिक सिस्टम लागू हुआ है तो ट्रैक पर कोई भी खराबी आने पर सिग्नल लाल हो जाता है। ग्रीन से लाल होते ही टीमें उस दिशा में दौड़ने लगती है। इसका लाभ काफी मिल रहा है। ट्रैक फ्रैक्चर के लिए सर्दी में यह सिस्टम लाभकारी बनेगा।

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