बता दें कि कचौरा घाट रोड पर स्थित भोगनीपुर प्रखंड नहर पुल का निर्माण 1879 को हुआ था। लगभग एक सप्ताह पूर्व अचानक ग्रामीणों को पता चला कि पुल में दरारें है और वह धसक रहा है। इसकी सूचना जिलाप्रशासन को दी गई। जिलाप्रशासन के अधिकारियों ने जांच के लिए अधीक्षण अभियंता सिंचाई कार्य मण्डल इटावा को दी। इसके अलावा उपजिलाधिकारी जसवंतनगर सत्य प्रकाश मिश्रा, क्षेत्राधिकारी जसवंतनगर वैभव पाण्डेय के माध्यम से स्थलीय जांच कराई गई। जांच में कचौरा रोड पर स्थित नहर के पुल पर की दशा भारी वाहनों के लिए आने जाने के लिए नहीं थी।
150 साल पुराना है पुल इस रिपोर्ट के आधार पर जसवंतनगर तहसील के सामने से उक्त रोड पर एक ओवर हेड वैरियर लगाया गया है जिससे कि हैवी लोडिड वाहनों का उक्त नहर के पुल से होकर आवामगन पूर्णतः बंद किया गया है। अब इस पुल से छोटे वाहन और दो पहिये वाहन कचौरा रोड वाह की तरफ जा सकेंगे। अपर जिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार कुशवाहा के आदेश पर इस ब्रिज की मरम्मत के लिए सेतु निगम के जीएम सतानंद जोशी को लगाया गया है। लगभग 150 वर्ष पूर्व बने इस पुल पर किसी सरकारी अधिकारियो की आज तक नजर नहीं पड़ी। आखिर यह पुल इतना वर्ष पुराना हो चुका है और कभी भी हादसे का शिकार हो सकता है। यह गम्भीर बात है। खास बात यह है तो वाहन राज्यस्थान मध्यप्रदेश की ओर जाते है वह आखिर किधर होकर जाएंगे, इस बात पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।