यादव परिवार के इटावा निवासी रिश्तेदारों ने पूरी तरह मौन साधा हुआ है। परिवार के लोग कोई प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। शिवपाल यादव के भाई राजपाल यादव फ्रेंड्स कालोनी स्थित अपने आवास पर थे, मीडिया के कुरेदे जाने पर भी वे कुछ नहीं बोले। मुलायम के बहनोई व अखिलेश के फूफा डॉ. अजंट सिंह यादव ने मीडिया से बात तो की, लेकिन अपनी ओर से कुछ भी कहने से यह कहकर इनकार कर दिया कि अभी शिवपाल सिंह यादव से बात नहीं हुई है। सांसद तेजप्रताप सिंह यादव इन दिनों लखनऊ में ही हैं। बदांयू के सांसद धर्मेद्र यादव साइकिल रैली में व्यस्त हैं।
सैफई गांव के प्रधान दर्शन सिंह यादव का कहते हैं कि शिवपाल ने मोर्चे का ऐलान किया है न कि पार्टी छोड़ने का। लेकिन सभी को नेताजी का सम्मान करना चाहिये। अभी भी वार्ता कर सामन्जस्य बनाया जा सकता है। समाजवादी पार्टी की इटावा ईकाई के अध्यक्ष गोपाल यादव का कहना है कि इस मोर्चे के गठन से समाजवादी पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इटावा में समाजवादी पार्टी समर्थक समझदार हैं वो अपने वोट को बर्बाद करने का काई कदम नहीं उठायेंगे।
शिवपाल के विधानसभा क्षेत्र जसवंतनगर में उनके बेहद करीबी और समाजवादी पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष राहुल गुप्ता का कहना है कि इलाके के लोग शिवपाल के साथ हैं। उनके एक निर्णय पर जीने मरने को तैयार रहते हैं। क्योंकि वह कार्यकर्ताओं को इज्जत देने वाले नेता हैं। इसलिये वह कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय भी हैं। उनका कहना है कि पिछले दिनों शिवपाल सिंह यादव ने नगर पालिका परिषद के चुनाव में अपना उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के मुकाबले खड़ा किया था, जो बेहद मुश्किल दौर में भी डेढ़ सौ वोटो से जीत हासिल करने में कामयाब हुआ था।
बच्चों जैसी लड़ाई लड़ रहे चाचा-भतीजे : भाजपा नेता
जसवंतनगर से भाजपा प्रत्याशी रहे मनीष यादव पतरे ने कहा कि शिवपाल यादव अपने भतीजे से बच्चों जैसी लड़ाई लड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि उनके साथ ऐसे लोग हैं जो पूरी तरह से जनाधार विहीन हैं। ये लोग ग्राम प्रधान तक का चुनाव जीतने की हैसियत नहीं रखते। अगर शिवपाल यादव में दम है तो विधायक पद से इस्तीफा दें।
शिवपाल के विधानसभा क्षेत्र जसवंतनगर में उनके बेहद करीबी और समाजवादी पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष राहुल गुप्ता का कहना है कि इलाके के लोग शिवपाल के साथ हैं। उनके एक निर्णय पर जीने मरने को तैयार रहते हैं। क्योंकि वह कार्यकर्ताओं को इज्जत देने वाले नेता हैं। इसलिये वह कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय भी हैं। उनका कहना है कि पिछले दिनों शिवपाल सिंह यादव ने नगर पालिका परिषद के चुनाव में अपना उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के मुकाबले खड़ा किया था, जो बेहद मुश्किल दौर में भी डेढ़ सौ वोटो से जीत हासिल करने में कामयाब हुआ था।
बच्चों जैसी लड़ाई लड़ रहे चाचा-भतीजे : भाजपा नेता
जसवंतनगर से भाजपा प्रत्याशी रहे मनीष यादव पतरे ने कहा कि शिवपाल यादव अपने भतीजे से बच्चों जैसी लड़ाई लड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि उनके साथ ऐसे लोग हैं जो पूरी तरह से जनाधार विहीन हैं। ये लोग ग्राम प्रधान तक का चुनाव जीतने की हैसियत नहीं रखते। अगर शिवपाल यादव में दम है तो विधायक पद से इस्तीफा दें।