ये भी पढ़ें- 6 प्रत्याशियों के बाद सपा ने महिला candidates के नाम भी किए घोषित, इस सांसद की बेटी को मिला टिकट, डिंपल भी चुनावी मैदान में, अखिलेश यादव ने किया एलान 2014 के संसदीय चुनाव में कलमेश कठेरिया के पिता प्रेमदास कठेरिया ने सपा की ओर से भाजपा प्रत्याशी अशोक दोहरे का मुकाबला किया था, लेकिन मोदी लहर में उन्हें 1,72,946 मतों से हार मिली थी। इटावा में सपा दूसरे नंबर पर, वहीं बसपा तीसरे व कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी। प्रेमदास कठेरिया को मुलायम सिंह परिवार के विश्वसनीय लोगों में से एक माना जाता है। कमलेश की माता वीनेश दो बार एशिया के पहले ब्लॉक महेवा की ब्लॉक प्रमुख रह चुकी हैं। वहीं मौजूदा वक्त में कलमेश की पत्नी पूजा जिला पंचायत सदस्य है।
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32 वर्षीय कमलेश कठेरिया इससे पहले 2017 विधानसभा चुनाव में इटावा की भरथना सीट से मैदान में उतरे थे। उनको भाजपा प्रत्याशी सावित्री कठेरिया ने कड़े संघर्ष में 1968 वोट पराजित कर दिया था। लेकिन इस बार उन्होंने सपा के भरोसे पर खरा उतरने की बात कही है। कमलेश ने पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपनी उम्मीदवारी पर बहुत-बहुत बधाई देते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने उनके उपर जो भरोसा कायम किया है, वो हर हाल में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्त्ताओं की मदद के जरिये पूरा करेंगे।
इटावा अध्यक्ष ने किया फैसले का स्वागत- इटावा ईकाई के अध्यक्ष गोपाल यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्णय का स्वागत करते हुए बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने युवा पर भरोसा रखते हुए उन्हें इटावा संसदीय सीट से उतारा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार के कारनामे ही ऐसे है कि सपा-बसपा गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार को हराने वाला कोई नहीं होगा। उन्होने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकारों ने आम जनता का इस कदर शोषण किया है कि जनता हर ओर त्राहि-त्राहि कर रही है, इसलिए सपा-बसपा गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार की जीत में कोई भी बाधा नजर नहीं आती है।