शिवपाल यादव ने कहा कि योगी सरकार में लूट का पैमाना इस कदर बढ़ चला है जिसका कोई मुकाबला नहीं है। अधिकारियों ने नेताओं को खुश करने के लिए वसूली की रकम इस कदर बढ़ा दी है कि लोग परेशान होकर शिकायतें कर रहे हैं, पर कहीं पर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। हर ओर लूट ही लूट मची हुई है। उनके खुद के जिले इटावा की स्थिति बेहद नाजुक दिखाई दे रही है। उनसे मिलने आने वाले लोग लगातार पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की शिकायतें करते हैं। पिछले दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इटावा के अधिकारियों की शिकायत विभिन्न तरह के वसूली समस्या को लेकर के की थी, लेकिन इसके बावजूद अभी तक किसी भी अफसर के खिलाफ कोई कार्यवाही न करना यह बताता है कि मुख्यमंत्री भी इस पूरी कसरत और कवायद में शामिल हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो निश्चित ही भ्रष्टाचार में डूबे अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिये थी।
भगवान ही जाने- अफसर क्या करना चाहते हैं
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के अफसर केवल जांच पर जांच करने में जुटे हुए हैं। अधिकारी मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए हर काम की जांच करवा रहे हैं। अफसरों को लगता है कि जांच के नाम पर मुख्यमंत्री खुश हो जाएंगे और उनको ईनाम देंगे, लेकिन इन अफसरों को यह नहीं पता कि जब किसी प्रोजेक्ट को फाइनल किया जाता है तो उसमें बड़े स्तर के न केवल इंजीनियर शामिल होते हैं, बल्कि प्रमुख सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे अफसरों की सहमति भी होती है। ऐसे में जांच करके वह क्या दिखाना चाहते हैं यह तो भगवान ही जानें।
शिवपाल यादव ने कहा कि इस समय नहर पूरी सूखी पड़ी हुई है, जिससे किसान अपनी फसलों को सही ढंग से कर नहीं पा रहा है। अगर इटावा की बात की जाए तो इटावा में बहुत बुरा हाल बना हुआ है जबकि पूरे देश में बाढ़ आई हुई है। इटावा सिंचाई विभाग के अफसर किसानों को पानी देने के बजाय अपने आका अफसरों को खुश करने में सक्रिय बने हुए देखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इटावा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के दो जन प्रतिनिधि निर्वाचित हुए हैं, जिनका यही काम होता है कि वह आम लोगों और किसानों की मदद के लिए आगे आएं लेकिन दोनों जनप्रतिनिधियों के काम के बारे में हर कोई जानता है कि वह दोनों क्या करते हैं इस बारे में बताने की जरूरत नहीं है।
नेताओं की चमचागिरी में लगे अफसर
उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने हमेशा अधिकारियों से बेहतर और अच्छा काम करने की न केवल सलाह दी, बल्कि उनको इस पर अमल करने का भी निर्देश दिया। लेकिन आज कोई भी अफसर किसानों की समस्याओं को दूर करने के बजाय नेताओं की चमचागिरी करने में लगे हुए हैं। शहीद यात्रा में शिवपाल यादव न केवल शामिल हुए, बल्कि उन्होंने करीब आधा किलोमीटर तक पैदल मार्च भी किया।