निर्वाचन क्षेत्र जसंवतनगर विधानसभा में प्रसपा अध्यक्ष खटखटा बाबा की कुटिया पर गणेश युवा शोभायात्रा समिति की भगवान गणेश शोभायात्रा रद्द हो जाने के कारण आयोजित एक दिवसीय विशेष गणेश स्थापना एवं हवन पूजन कार्यक्रम का शुभारंभ करने पधारे थे। इसी वक्त पत्रकारों से वार्ता में उन्होने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ कोई समझौता नहीं करेंगी।
यादव ने कहा कि प्रसपा पूरे प्रदेश में अपनी अलग पहचान बना चुकी है, और बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़ रहे हैं। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों के साथ चर्चा की और उन्हें संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि वे पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाएं और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी में जुट जाएं। शिवपाल सिंह यादव ने साफ किया है कि प्रदेश में हो रहे विधान सभा चुनाव में वह कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं कर रहे, ताकि 2022 के विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी पूरी ताकत से चुनाव लड़ सके। हम सेक्युलर दलों को एक जुट देखना चाहते हैं, ताकि भारतीय जनता पार्टी के जंगलराज को उखाड़ फेंका जाए।
प्रसपा अध्यक्ष ने रोषपूर्ण लहजे में कहा कि उत्तर प्रदेश को हमने बेहतर राज्य बनाने की ओर अग्रसर किया था, मगर पिछले साढ़े तीन साल के योगीराज में प्रदेश बदहाल हो गया है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। विकास के मामले में प्रदेश बहुत पीछे चला गया। उन्होंने बताया कि पिछले राज्यसभा चुनाव में हमने समाजवादी पार्टी को वोट दिया था। अब पार्टी प्रत्यासी की जीत के लिए अखिलेश को हमसे बात करनी होगी, तभी हम कुछ निर्णय लेंगे।
हमारा लक्ष्य 2022 चुनाव है : शिवपाल
शिवपाल सिंह ने कहा कि हम संघर्ष से नहीं घबराते। नौजवानों, किसानों की बदहाल स्थित के लिए हम कोई भी संघर्ष और कुर्बानी के लिये हर समय तैयार हैं। अब हमारा एक मात्र लक्ष्य 2022 के चुनाव है। सत्ता पलटे वगैर इस प्रदेश को प्रगति के रास्ते पर नहीं लौटाया जा सकता। कोविड संक्रमण के नाम पर जमकर लोगों का उत्पीड़न हुआ है। नौकरशाही सत्ता की शह पर जबरदस्त ढंग से भ्रष्टाचार में लिप्त है।
शिवपाल सिंह ने कहा कि हम संघर्ष से नहीं घबराते। नौजवानों, किसानों की बदहाल स्थित के लिए हम कोई भी संघर्ष और कुर्बानी के लिये हर समय तैयार हैं। अब हमारा एक मात्र लक्ष्य 2022 के चुनाव है। सत्ता पलटे वगैर इस प्रदेश को प्रगति के रास्ते पर नहीं लौटाया जा सकता। कोविड संक्रमण के नाम पर जमकर लोगों का उत्पीड़न हुआ है। नौकरशाही सत्ता की शह पर जबरदस्त ढंग से भ्रष्टाचार में लिप्त है।