सदस्यता खत्म हुई तो जसवंतनगर से ही लड़ूंगा चुनाव शिवपाल की विधायकी रद्द करने के लिए सपा ने 4 सितंबर को आपत्ति दर्ज कराई थी। इस पर चुप्पी तोड़ते हुए शिवपाल ने कहा कि वे सपा से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। अब उनकी विधायकी पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष को करना है। ऐसे में अगर उनकी विधायकी जाती है, तो वे फिर से जसवंतनगर से चुनाव लड़ेंगे चाहे उनके सामने कोई दिग्गज खड़ा हो या अन्य दल का कोई सूरमा हो या फिर सपा का ही कोई नेता हो। शिवपाल के इस ऐलान से साफ हो गया है कि अब चाचा और भतीजे की लड़ाई नए मोड़ पर आ गई है।
कोई नेता नहीं हरा पाया 13 सूत्रीय प्रदेश व्यापी धरने से पहले शिवपाल ने जसवंतनगर से चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही कहा कि इस सीट से उन्हें आज तक कोई नेता हरा नहीं पाया है। शिवपाल ने अपील की कि उनके चुनाव प्रचार में नेता जी मुलायम सिंह यादव को आगे आना चाहिए। मुलायम के मैनपुरी से चुनाव लड़ने पर उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मुलायम के लिए प्रचार किया था, जिससे कि उनकी जीत का रास्ता तय हो सके। ऐसे में उनके बड़े भाई मुलायम को भी उनके लिए प्रचार करना चाहिए व वोट अपील करनी चाहिए। शिवपाल ने कहा कि वे इसके लिए नेता जी को आमंत्रित करने भी जाएंगे।
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने संसदीय चुनाव से पहले बागी शिवपाल सिंह यादव के प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन कर उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में अपने उम्मीदवारों को उतारते हुए किस्मत अज़ामाई थी। लेकिन बदकिस्मती से पार्टी किसी भी उम्मीदवार की जमानत को नहीं बचा सकी। कुछ ऐसा ही हाल प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का रहा, उन्होंने फिरोजाबाद संसदीय सीट से अपने भतीजे अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें मात्र 90 हजार के आसपास वोट मिले। जीत का सेहरा भाजपा के चंद्रसैन जादौन के सहेरे बंधा, जबकि शिवपाल सिंह यादव और उनके समर्थकों ने रिकार्ड मतों से जीत का दावा किया था।
समाजवादी पार्टी से अलग होकर शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया। वे आज भी सपा से जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हैं। फिरोजाबाद संसदीय सीट में जब उनके नामांकन पर अक्षय यादव ने आपत्ति उठाई, तब शिवपाल ने इस बात की दलील दी थी कि उन्होंने सपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इस दलील के बाद उनके नामांकन को वैद्य माना गया।
प्रदेशभर में प्रसपा का प्रदर्शन बुधवार से प्रसपा ने पूरे प्रदेश में किसानों की समस्या, बिजली के बढ़े दाम व अन्य मुद्दों पर प्रदेशभर में प्रदर्शन किया। इस पर शिवपाल ने कहा कि मंदी ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है और व्यापार खत्म हो गया है। केंद्र व प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। इस दौरान उनके साथ पूर्व मंत्री रामसेवक यादव गंगापुरा मौजूद थे।