पिछले काफी सालों से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज चल रहे चाचा शिवपाल सिंह यादव एक बार फिर यूपी की राजनीति में बड़ा उलटफेर करने की तैयारी में हैं। शिवपाल सिंह यादव ने सपा विधायक दल की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज नाराज चल रहे हैं। पिछले दिनों शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री आवास पर जाकर सीएम योगी से मुलाकात की तो सियासी गलियारों में प्रसपा अध्यक्ष के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं शुरू हो गईं। हालांकि शिवपाल सिंह यादव ने भी बड़े बदलाव की बात कही थी।
File Photo of Shivpal yadav
उत्तर प्रदेश में प्रसपा अध्यक्ष और सपा से विधायक शिवपाल यादव ने इस बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अब तक पार्टी की किसी बैठक में हिस्सा नहीं लिया या यूं कहें कि उन्हें किसी भी बैठक में अखिलेश यादव ने नहीं बुलाया। बातें बहुत सारी हैं, कयासो का दौर शुरू हो चुका है। लेकिन अब मामला थोड़ा गंभीर इसलिए भी हो गया है क्योंकि शिवपाल यादव की काफी नजदीकी मुलाक़ात भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से दो बार हो चुकी है। जिसके बाद उन्हें जल्द ही पार्टी में शामिल कराया जा सकता है। वहीं इस बात का अघोषित ऐलान भी खुद शिवपाल यादव ने सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर कर दिया है। जिसमें Twitter, Koo, Facebook जैसे सभी प्लेटफार्म का प्रयोग कर चुके हैं।
नवरात्रि के पहले दिन ही शिवपाल भाजपा में जाने वाली बात पर मुहर लगती नजर आ रही है। शिवपाल सिंह यादव ने अचानक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को ट्विटर पर फॉलो करके यूपी की राजनीति में गर्माहट पैदा कर दी है। इसके अलावा शिवपाल यादव ने पूर्व डिप्टी सीएम रहे डॉ. दिनेश शर्मा को भी फॉलो किया है। पहले शिवपाल केवल पीएमओ और सीएमओ को ही फॉलो करते थे। पीएम और सीएम के ट्विटर को फॉलो करने के बाद सियासी गलियारों में एक बार फिर से प्रसपा अध्यक्ष के भाजपा में शामिल होने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि अभी इसको लेकर न भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया आई है और न ही प्रसपा अध्यक्ष ने इसको लेकर पुष्टि की है।
यूपी विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद सपा ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। जिसमें अखिलेश को नेता प्रतिपक्ष चुना गया था। दो दिन से उम्मीद लगाकर लखनऊ में डेरा डाले शिवपाल यादव को विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया था। इससे शिवपाल यादव ने नाराजगी भी जाहिर की थी। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव को सपा के चुनाव चिह्न पर ही जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ाया गया था। ऐसे में शिवपाल यादव को पूरी उम्मीद थी कि विधायक दल की बैठक में उन्हें बुलाया जाएगा।
शिवपाल यादव अगर पाला बदलते है तो कई लोगों को आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि कई मौकों पर अखिलेश ने खुद अपने चाचा पर आदित्यनाथ के संपर्क में रहने और भगवा पार्टी के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया है। राजनीतिक गलियारों में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा शिवपाल को राज्यसभा भेज सकती है और जसवंतनगर सीट उनके बेटे आदित्य यादव को दे सकती है। इस बार शिवपाल सपा के चुनाव चिह्न पर अपनी पारंपरिक जसवंतनगर सीट से छठी बार जीते हैं।