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सैफई में अखिलेश के जन्मदिन पर सपाइयों ने काटा केक, पार्टी में नहीं दिखा उत्साह

locationइटावाPublished: Jul 01, 2019 09:25:14 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का जन्मदिन सपा कार्यकर्ताओं ने केक काटकर उनके गांव सैफई में बने आवास पर मनाया।

Socialist activists celebrated Akhilesh's birthday in Saifai

सैफई में अखिलेश के जन्मदिन पर सपाइयों ने काटा केक, पार्टी में नहीं दिखा उत्साह

इटावा. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का जन्मदिन सपा कार्यकर्ताओं ने केक काटकर उनके गांव सैफई में बने आवास पर मनाया लेकिन इस बार समाजवादियों में उत्साह की कमी साफ नजर आई। इस मौके पर संतोष शाक्य ब्लॉक अध्यक्ष, विजय सिंह शाक्य, सतीश यादव, कुलदीप यादव सेक्टर प्रभारी ध्रुव यादव, राजेश यादव क्षेत्र पंचायत सदस्य, नितिन यादव सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने जन्मदिन के अवसर पर देश में नहीं है। ऐसे में कार्यकर्ता भले ही उनकी लंबी उम्र की दुआ करें लेकिन उत्साहीनता अब युवाओं में साफ तौर पर झलकती है।

अखिलेश को प्यार से कहते हैं टीपू

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेटे व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का घरेलू नाम टीपू है। इस नाम के पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है। सैफई गांव के प्रधान व मुलायम सिंह यादव के जिगरी यार दर्शन सिंह यादव ने अखिलेश यादव के जन्म होते ही उनका नाम टीपू रख दिया था हालांकि कुछ लोगों को यह टीपू नाम समझ में नहीं आया था क्योंकि गांव के लोगों में इस नाम के प्रति कोई रुचि नहीं थी क्योंकि उन्होंने इससे पहले इस नाम को सुना हुआ नहीं था लेकिन जब उन्हें बताया गया कि टीपू नाम का आजादी से पहले मुगल सुल्तान हुआ है। फिर गांव वालों को टीपू सुल्तान की पूरी की पूरी कहानी बताई और समझाई गई। तब गांव वाले टीपू नाम रखने पर बड़ी मुश्किल से संतुष्ट हुए। तब से अखिलेश को उनके गांव के लोग प्यार से टीपू ही कहते हैं।

2012 में समाजवादी पार्टी के पूर्ण बहुमत मिलने पर उनके मुख्यमंत्री बनने पर देश के कई नामी मीडिया हाउसों ने घरेलू नाम टीपू के सुल्तान बनने की खबरें भी बनाई जो आज के संसदीय चुनाव तक बरकरार हैं। अक्टूबर 2016 में जब अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके नाम रखने को लेकर चर्चाए शुरू हुई। उनके चाचा और पार्टी के महासचिव राज्यसभा सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव ने बताया कि यह बात पूरी तरह से सही है कि जब सेंट मेरी स्कूल में एडमीशन कराने के लिए इटावा के जनता कालेज बकेवर के शिक्षक ओमप्रकाश रधुवंशी टीपू को लेकर स्कूल गये तो वहां पर फार्म भरने की बारी आई उस वक्त टीपू से उसका नाम पूछा गया तो टीपू ने कहा कि मेरा नाम तो यही है। इस पर एडमीशन कराने गये रधुवंशी समेत कालेज का स्टाफ हैरत में पड़ गया।

सबकी तरफ से कहा गया कि स्कूली फार्म में कुछ न कुछ नाम तो भरना ही पड़ेगा इस पर टीपू से पूछा गया कि तुम्हारा नाम क्या रखा जाए तो टीपू बोले अखिलेश ठीक रहेगा इस प्रकार टीपू का नाम अखिलेश हो गया। शिक्षक ओमप्रकाश रधुवंशी से हुई बातचीत का हवाला देते हुए प्रो. रामगोपाल बताते है कि आपका टीपू है बहुत होशियार जब उससे पूछा गया कि अरे तुम्हारा नाम ही नहीं रखा गया है कुछ तो फिर कैसे भरा जाएगा तो टीपू ने कहा कि आप मेरा नाम अखिलेश रख दें। इस तरह रख गया टीपू का नाम अखिलेश।

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