इटावा. कॉमन वेल्थ की सदस्यता छोड़े भारत, क्योकि आज भी भारत ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी से आजाद नहीं हो पा रहा है । भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ब्रिटिश हुकूमत को भारत की संसद को बिना बताये कामन वेल्थ में भारत के अधिकार को अंग्रेजी हुकूमत के सामने अपने हस्ताक्षर से देश को उनके आधीन कर दिया था। यह बात छिबरामऊ में स्वतन्त्रा सेनानी सम्मेलन में भारत की स्वतंत्रता आन्दोलन में महत्तपूर्ण भूमिका रखने वाले महान सेनानी
सुभाष चन्द्र बोस को पौत्री राजश्री बोस ने कहीं ।
उन्होंने कहा बिट्रेन की महारानी ने बिट्रेन के राजकुमार प्रिंस हैरी की शादी के सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर किये थे, जिसमें लिखा था हेड ऑफ़ कामन वेल्थ । प्रिंस हैरी की मंगेतर मेगन मर्केल ने अपने विवाह पर जो शाही ड्रेस पहना था उसमें कामन वेल्थ के देशों के राष्ट्रीय फूल की कढ़ाई थी जिसमे भारत के राष्ट्रीय फूल कमल को भी जड़ा गया था, जो जमीन पर रगड़ खा रहा था। उन्होंने इसकी शिकायत स्वयं भारत के राष्ट्रपति से की है और राष्ट्रपति महोदय ने आश्वासन दिया है कि भारत कामन वेल्थ से अपना नाम वापस लेगा। उन्होंने सरकार से मांग की सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु पर अपना नजरिया स्पष्ट करे । उन पर लगे युद्ध अपराधी के आरोप को खत्म करें । उन्होने कहा कि मोदी सरकार ने केंद्र की सत्ता मे काबिज होने से पहले नेता जी को लेकर यह दावे किये जा रहे थे कि केंद्र मे सत्ता मे काबिज होने के बाद नेता जी मौत को लेकर चल रही भ्रम की स्थिति को देशवासियो के सामने स्पष्ट कर दी जायेगी लेकिन आज तक ऐसा नही हो सका । इसलिए एक बार फिर से यह बात दुबारा सरकार से कहनी पड़ रही है। वार्ता के दौरान राष्ट्रीय स्वतन्त्रा सेनानी परिवार के प्रदेश महासचिव एवं कानपुर मण्डल प्रभारी आकाश दीप जैन मौजूद रहे।