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तीन सगी बहनों समेत चार बेटियों बनी साध्वी, मुनि प्रमुख सागर महाराज देंगे दीक्षा

locationइटावाPublished: Nov 19, 2019 06:20:24 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

जैन साध्वी बनने वाली नेहा, दीक्षा व शिवानी के साथ राखी जैन का कहना है कि इस संसार में कुछ भी नहीं है, शादी-विवाह व मोह-माया सब बेकार है, ईश्वर व गुरु भक्ति में जो आनंद है, वह कहीं नहीं है।

sadhvi in Etawah

बेटियां मां-बाप पर बोझ नहीं होतीं, बल्कि मुख्यधारा का हिस्सा हैं। इसी रुढ़ि को तोड़ने के लिए सभी ने साध्वी बनने का निर्णय लिया

दिनेश शाक्य
इटावा. शहर के बरहीपुरा में तीन सगी बहनों समेत चार बेटियों ने साध्वी बनने का निर्णय ले लिया है। सुभाष चंद जैन की पुत्री नेहा जैन (23), शिवानी जैन (21), दीक्षा (20) और लालपुरा के पप्पू जैन की बेटी राखी (23) की जनेश्वरई दीक्षा एक दिसंबर को पुष्पगिरि तीर्थ क्षेत्र सोनकच्छ जिला देवास में सम्पन्न होगी। बरहीपुरा जैन मंदिर से हजारों लोगों ने सभी साध्वियों को रथ-पालकी में बिठाकर बिनौली यात्रा बैंड बाजों के साथ निकाली। इससे पहले 10 नवम्बर को भिण्ड में भी यात्रा निकाली गयी थी। इन सभी को दीक्षा मुनि प्रमुख सागर महाराज प्रदान करेंगे। नेहा व दीक्षा वर्ष 2013 से तथा शिवानी वर्ष 2011 से प्रमुख सागर महाराज का सानिध्य प्राप्त कर चुकी हैं। नेहा एम कॉम और दीक्षा व शिवानी ने बीएससी तक पढ़ाई की है, जबकि राखी ने बीए तक शिक्षा ग्रहण की है।
बेटियां मां-बाप पर बोझ नहीं होतीं, बल्कि मुख्यधारा का हिस्सा हैं। इसी रुढ़ि को तोड़ने के लिए सभी ने साध्वी बनने का निर्णय लिया। चातुर्मास कल्प के दौरान जैन मुनि प्रमुख सागर के सानिध्य में आकर इन कन्याओं का जीवन बदला। कठिन तपस्या के बल पर ब्रह्मचर्य का अनुपालन और इसके बाद साध्वी बनने की कठोर साधना शुरू हुई। अभी तक देश में एक साथ दो बहनें साध्वी बनी थीं, लेकिन अब तीन बहनें साध्वी बनने जा रही हैं।
तीन सगी बहनों समेत चार बेटियों बनी साध्वी, मुनि प्रमुख सागर महाराज देंगे दीक्षा
शादी-विवाह व मोह-माया सब बेकार है
जैन साध्वी बनने वाली नेहा, दीक्षा व शिवानी के साथ राखी जैन का कहना है कि इस संसार में कुछ भी नहीं है। शादी-विवाह व मोह-माया सब बेकार है। ईश्वर व गुरु भक्ति में जो आनंद है, वह कहीं नहीं है। हम सभी ने अपना जीवन गुरू प्रमुख सागर महाराज को समर्पित कर दिया है। हमने गुरू के सानिध्य में बहुत कुछ पाया है। तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने जब अपना राजपाट व घर द्वार छोड़ा था तो उन्हें इस संसार में हजारों घर मिले। इसी प्रकार वह भी अपना घर द्वार छोड़ रही है, उन्हें भी हजारों घर मिलेंगे। गुरू के सानिध्य में सत्संग करने से ही उन्हें वैराग्य की प्राप्ति हुई है। हम सभी चाहते हैं कि गुरू के साथ परिवार व इटावा का नाम रोशन हो। उन सभी का शुरू से ही धर्म की ओर आगे बढ़ना प्रमुख लक्ष्य था जो अब पूरा होने जा रहा है। पढ़ाई के साथ-साथ धर्म शिक्षा को भी वह बराबर अपनाती रही हैं।
छह बेटियों में तीन साध्वी
इटावा शहर के बरहीपुरा निवासी सुभाष चंद्र जैन व सुनीता जैन छह बेटियों व एक बेटे के माता-पिता है। इनकी बड़ी बेटी रितु व प्रियंका की शादी हो चुकी है, जबकि छोटी बेटी नेहा, दीक्षा व शिवानी साध्वी बन रही हैं। एक बेटी वंदना जैन इंटर की छात्रा है। पुत्र अरिहंत जैन कक्षा 11 का छात्र है।
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