जैन साध्वी बनने वाली नेहा, दीक्षा व शिवानी के साथ राखी जैन का कहना है कि इस संसार में कुछ भी नहीं है। शादी-विवाह व मोह-माया सब बेकार है। ईश्वर व गुरु भक्ति में जो आनंद है, वह कहीं नहीं है। हम सभी ने अपना जीवन गुरू प्रमुख सागर महाराज को समर्पित कर दिया है। हमने गुरू के सानिध्य में बहुत कुछ पाया है। तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने जब अपना राजपाट व घर द्वार छोड़ा था तो उन्हें इस संसार में हजारों घर मिले। इसी प्रकार वह भी अपना घर द्वार छोड़ रही है, उन्हें भी हजारों घर मिलेंगे। गुरू के सानिध्य में सत्संग करने से ही उन्हें वैराग्य की प्राप्ति हुई है। हम सभी चाहते हैं कि गुरू के साथ परिवार व इटावा का नाम रोशन हो। उन सभी का शुरू से ही धर्म की ओर आगे बढ़ना प्रमुख लक्ष्य था जो अब पूरा होने जा रहा है। पढ़ाई के साथ-साथ धर्म शिक्षा को भी वह बराबर अपनाती रही हैं।
इटावा शहर के बरहीपुरा निवासी सुभाष चंद्र जैन व सुनीता जैन छह बेटियों व एक बेटे के माता-पिता है। इनकी बड़ी बेटी रितु व प्रियंका की शादी हो चुकी है, जबकि छोटी बेटी नेहा, दीक्षा व शिवानी साध्वी बन रही हैं। एक बेटी वंदना जैन इंटर की छात्रा है। पुत्र अरिहंत जैन कक्षा 11 का छात्र है।