scriptरफाल डील: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने कहा- भारत सरकार ने सुझाया था अनिल अंबानी की कंपनी का नाम | former president of France disclosed On the Rafal deal | Patrika News

रफाल डील: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने कहा- भारत सरकार ने सुझाया था अनिल अंबानी की कंपनी का नाम

locationनई दिल्लीPublished: Sep 21, 2018 08:24:35 pm

Submitted by:

mangal yadav

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि रफाल सौदे में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को फ्रांस ने नहीं चुना था।

Rafal deal

ssssssssssss

पेरिसः रफाल डील पर विपक्ष की घेरेबंदी के बीच फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने बड़ा खुलासा किया है। ओलांद ने कहा है कि रफाल सौदे में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को फ्रांस ने नहीं चुना था। उन्होंने दावा है कि रिलायंस डिफेंस का नाम भारत सरकार की तरफ से सुझाया गया था। ओलांद ने कहा कि फ्रांस की रक्षा कंपनी दसाल्ट के पास कोई विकल्प नहीं था इसलिए हमने वही कंपनी का चुनाव किया जिसका नाम भारत की तरफ से सुझाया गया था। बता दें कि ओलांद का दावा सरकार के उस दावे को खारिज करती है जिसमें कहा गया था कि दसाल्ट और रिलायंस के बीच यह समझौता एक कमर्शल पैक्ट था जो कि दो प्राइवेट फर्म के बीच हुआ था।
प्रशांत भूषण ने साधा पीएम मोदी पर निशाना
फ्रांस्वा ओलांद के इस दावे के बाद भारत में राजनीति रफाल मुद्दे पर फिर से गरमा गई है। वरिष्ठ वकील और स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण मे कहा कि पीएम मोदी बताएं यह सेटिंग कैसी हुई। ट्विटर पर पीएम मोदी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि अंबानी को पार्टनर चुनने में फ्रांस की भूमिका नहीं है। प्रशांत भूषण मे पूछा है कि क्या आपने ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस की सिफारिश की थी। क्या यह भी गुप्त मोदीजी है? उधर, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस रफाल मुद्दे पर लगातार पीएम मोदी को घेर रही है। इससे पहले देश भर में इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रदर्शन कर चुकी है।

 

https://twitter.com/pbhushan1/status/1043104673073455104?ref_src=twsrc%5Etfw
फ्रांस की मीडिया ने भी उठाया था सवाल
इससे पहले फ्रांस की मीडिया ने भी रफाल सौदे पर सवाल उठाया था। अगस्त में एक प्रमुख अखबार ने सवाल उठाते हुए लिखा था कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की जगह अंबानी की कंपनी को कैसे यह डील दे दी गई। अखबार का कहना था कि साल 2007 में शुरू हुई डील से हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड को 2015 में कैसे बाहर कर दिया गया और निजी क्षेत्र की कंपनी रिलायंस डिफेंस को इस समझौते में कैसे शामिल किया गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो