scriptफ्रांस में मिला मोनालिसा का चारकोल से बना 150 साल पुराना न्यूड चित्र | 150 years old picture of Monalisa charcoal found in France | Patrika News

फ्रांस में मिला मोनालिसा का चारकोल से बना 150 साल पुराना न्यूड चित्र

Published: Sep 29, 2017 07:12:06 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

यह चित्र 1862 में इटली में पुनर्जागरण काल के दौरान कोंडे संग्रहालय का है, जो उत्तरी फ्रांस के पैलेस ऑफ शैंटिली में स्थित है।

monalisa
पेरिस: फ्रांस के कला विशेषज्ञों ने एक कला संग्रह में 150 साल पुराना चारकोल से बना एक स्केच खोज निकाला है। उनका दावा है कि यह स्केच मोनालिसा का हो सकता है। चारकोल रेखाचित्र में एक निर्वस्त्र महिला दिखाई दे रही है, जिसे मोना वाना के रूप में जाना जाता है। इससे पहले इस चित्र का श्रेय केवल लियोनार्डो द विंची स्टूडियो को दिया जाता था।
हालांकि विशेषज्ञों के पास यह कहने के लिए पर्याप्त वजह है कि उस कलाकार ने दोनों चित्रों के लिए काम किया था। पेरिस के ल्यूर संग्रहालय में परीक्षण के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि यह रेखाचित्र लियोनार्डो का ही हिस्सा है। यह चित्र 1862 में इटली में पुनर्जागरण काल के दौरान कोंडे संग्रहालय का है, जो उत्तरी फ्रांस के पैलेस ऑफ शैंटिली में स्थित है। इटली में पुनर्जागरण काल में लियोनार्डो दा विंची (1452-1519) एक महान चित्रकार थे और मोनालिसा पेंटिंग में उन्होंने दुनिया की उत्कृष्ट कला का परिचय दिया है। मोनालिसा पेंटिंग उनकी सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग मानी गई है।
इस मामले में मैथ्यू डेल्डिक ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि इस पेंटिंग में चेहरे और हाथों की गुणवत्ता बेहतरीन है। उन्होंने कहा कि यह कहीं से भी गंदी नहीं है। मैथ्यू ने कहा कि हम लोग इस बात की शिनाख़्त कर रहे हैं कि लियोनार्डो के जीवन के आखिरी वक्त में कहीं उसके समानांतर काम तो नहीं किया जा रहा था। यह निश्चित तौर पर तैलीय पेंटिंग की शुरुआत थी।
कौन है मोनालिसा और लियोनार्डो
मोनालिसा विश्‍व प्रसिद्ध इटली के महान कलाकार लियोनार्डो द विंची की वह अमर कलाकृति है जिसे विंची ने सन् 1503 से 1507 के मध्य पेंट किया इस चित्र को बनाने में लियनार्डो को चार वर्ष लगे, यद्यपि इसी दौरान उन्होंने सेंट पॉल बपतिस्त तथा वर्जिन एण्ड चाईल्ड विद सेंट आंद्रे नामक दो अन्य कलाकृतियाँ भी बनाई। लगभग 500 वर्ष पूर्व 30.5” ऊँचे 20 7/8 चौड़े, 12 मिमी मोटाई के पोपूलर की लकड़ी के पैनल पर तेल के रंगों से यह चित्र बनाया गया था। इस कलाकृति को बनाने वाले कालजयी कलाकार लियोनार्डो द विंची का जन्म ईटली के फ्लोरेंस शहर के पूर्व में स्‍थित विंची नामक एक छोटे से कस्बे में सन् 1452 को हुआ था। इनके पिता सर पियरें द विंची एक नोटरी थे।
बचपन से ही कला में लियनार्डो की गहरी रूचि देखते हुए पिता ने कला की उच्च शिक्षा के लिए उसे पेरिस भेज दिया। जो कि उस समय कला शिक्षा का एक प्रमुख केन्द्र था, यहाँ रह कर वे एक बेराकिया के स्टूडियो में कला की शिक्षा लेने लगे। यहाँ रहकर लियनार्डो ने अपने गुरू से चित्रकला का विस्तृत ज्ञान प्राप्‍त किया व इसकी बारीकियों से रूबरू हुए। शीघ्र ही गुरू ने महसूस किया कि उनका शिष्य उनसे भी कहीं अधिक गुणी व प्रतिभावान है, अतः गुरू के पास जितना भी ज्ञान था, अपने शिष्य विंची को दे दिया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो