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अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला: इंटरपोल ने मुख्य आरोपी जेरोसा को इटली में किया गिरफ्तार

Published: Oct 04, 2017 07:38:41 pm

Submitted by:

ashutosh tiwari

अगस्टा वेस्टलैंड घोटाले में मिडिल मैन कार्लो जेरोसा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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नई दिल्ली। अगस्टा वेस्टलैंड घोटाले के मनी लान्डरिंग केस में सीबीआई द्वारा चार्जशीट किए गए मिडिल मैन कार्लो जेरोसा को गिरफ्तार कर लिया गया है। कार्लो की गिरफ्तारी इंटरपोल ने इटली से की है। जेरोस के खिलाफ आरसीएन रेड कार्नर नोटिस पेंडिंग है। गौरतलब है कि इस पूरे मामले में इस गिरफ्तारी से और भी कई राज़ फाश होंगे।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक कार्लो इस पूरे मामले की एक अहम कड़ी है और इस गिरफ्तारी से मामले में कई चेहरे बेनकाब होंगे। इस मामले में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने पिछले साल जून में ब्रिटिश नागरिक माइकल जेम्स, दिल्ली की एक फर्म मीडिया एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर और एक पूर्व डायरेक्टर को तीन हजार छह सौ करोड़ रुपये के अगस्टा वेस्टलैंड हैलीकाप्टर डील में हुई मनी लान्डरिंग मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी।
ईडी ने इसके अलावा इंडियन एयरफोर्स में इस दलाली की पूरी भूमिका बनाने के लिए तीन दलालों, जिनमें से चंडीगढ़ के एक बड़े बिजनेसमैन की पत्नी और इटली के ग्वीडो राल्फ, कार्लो जेरोसा के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की थी। ये चार्जशीट नवंबर 2014 में दाखिल की गई थी। इस मामले में ईडी ने दुबई के एक बड़े बिजनेसमैन की पत्नी शिवानी को जुलाई में हिरासत में लिया था।
सितंबर में ही ईडी ने पीएमएलए यानी प्रिवेंशन आफ मनी लान्डरिंग एक्ट के तहत शिवानी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। शिवानी ने खराब स्वास्थ्य के चलते अपनी जमानत की अर्जी अदालत में लगाई थी। इस बेल अर्जी पर कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा था। ईडी के मुताबिक शिवानी और उसका पति राजीव शमशेर मैटरिक्स होल्डिंग्स में पार्टनर थे। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक अगस्टा वेस्टलैंड इटरनेशनल लिमिटेड ने ट्यूनीशिया की कंपनी गोर्डियन सर्विसेज के जरिए 55 मिलियन यूरोज रिश्वत के तौर पर दिया था।
क्या है अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला?
दरअसल यूपीए सरकार ने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री जैसे वीआईपी राजनेताओं के लिए 12 हेलीकॉप्टर खरीदने की योजना बनाई थी। यह सौदा इटली की कंपनी फिनमैकेनिका से 3600 करोड़ रुपये में हुआ था। अप्रैल 2014 में इटली की एक जांच एजेंसी ने जांच में पाया कि इस सौदे में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व वायुसेना प्रमुख ने घुस लेकर हेलीकॉप्टर की कीमत तय की थी। इस मामले में यूपीए सरकार के कई मंत्रियों का भी नाम सामने आया है। घोटाला सामने आने के बाद यूपीए सरकार ने यह सौदा रद्द कर दिया था।
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