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ब्रिटेन: कोर्ट ने ‘बेडरूम टैक्स’ को बताया भेदभाव और अन्याय से भरा

Published: Jan 28, 2016 01:47:00 pm

घर में एक तय संख्या से अधिक बेडरूम होने पर ब्रिटेन में टैक्स लगता है, यह टैक्स अप्रैल 2013 में लागू किया गया था 

Bedroom tax

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लंदन। ग्रेट ब्रिटेन में एक कोर्ट ने सरकार की ‘बेडरूम टैक्स’ पॉलिसी को लोगों के बीच भेदभाव और अन्याय वाला करार दिया है। पॉलिसी के खिलाफ घरेलू हिंसा से जुड़े और एक विकलांग किशोर के परिजनों ने कोर्ट में अपील की थी, जिस पर जज ने यह फैसला सुनाया। मामले में ब्रिटेन के कार्य और पेंशन विभाग का कहना है कि वह कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ यूके के सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा।

महिला से छिन रहा था उसका एक्स्ट्रा रूम, पहुंच गई कोर्ट-
दरअसल, घरेलू हिंसा से जूझ रही एक महिला ने कोर्ट में अपील दायर की। महिला के वकील के अनुसार, महिला के पास एक अतिरिक्त कमरा था। वह इस पॉलिसी की वजह से छिन जाएगा, जो कि उसे अपनी सेफ्टी के लिए मिला था। व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले कई अन्य विकलांगों की भी यही शिकायत थी। वहीं, दूसरे अपीलकर्ता ने अपने विकलांग पोते की तरफ से अपील की थी। इस शख्स का कहना था कि उनका पोता रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर से पीडि़ता है। वह खुद खा और चल नहीं सकता। ऐसे में उसके मेडिकल उपकरण रखने के लिए अतिरिक्त कमरे की जरूरत थी, जो बैडरूम टैक्स के दायरे में आ रहा है।

क्या है ‘बेडरूम टैक्स’ पॉलिसी?
घर में एक तय संख्या से अधिक बेडरूम होने पर ब्रिटेन में टैक्स लगता है। यह टैक्स अप्रैल 2013 में लागू किया गया था। इसके तहत इस देश में सदस्यों के हिसाब से घर के कमरों की संख्या तय की गई है। घर में तय से अधिक कमरे होने पर हाउसिंग बेनिफिट्स में कटौती की जाती है। ‘बेडरूम टैक्स’ की एक और खास बात यह है कि ब्रिटिश हाउसिंग असोसिएशन की प्रॉपर्टी में कोई व्यक्ति केवल घर में रहने वाले सदस्यों की संख्या के हिसाब से कमरों के लिए दावा कर सकता है, अन्यथा नहीं। हालांकि ‘बेडरूम टैक्स’ पॉलिसी लागू होते ही इसका विरोध शुरू हो गया था, चूंकि इसे विकलांग विरोधी बताया जा रहा था।

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