पेंटिंग से किया यौन ओरिएंटेशन का खुलासा
इसकी खरीदारी ‘कूप्स दे कोइअर : द गाई एंड हेलेन बार्बीअर फैमिली कलेक्शन’ ने की। इनके पास 20वीं सदी की भारतीय कला के 29 बेहतरीन कलाकृतियों का संग्रह है। बता दें कि 1986 में मुंबई में ‘टू मेन इन बनारस’ का अनावरण करने वाले खाखर (1934-2003) पहले ऐसे भारतीय कलाकार थे, जिन्होंने काम के जरिए अपने यौन इच्छाओं के बारे में खुलासा किया था।
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खाखर भारत के पहले अग्रणी समलैंगिक कलाकार
सोथबी की वेबसाइट ने इसके बारे में लिखते हुए कहा कि पेंटिग में कलाकार ने समलैंगिक प्रेम का नवीन आईकोनोग्राफ तैयार किया है। इस पेंटिंग में दो निर्वस्त्र पुरुषों को गले लगते हुए दिखाया गया है। बता दें कि खाखर भारत के पहले अग्रणी समलैंगिक कलाकार थे। सोथबी ने लिखा है कलाकार के सर्वश्रेष्ठ और व्यापाक कार्यों में से एक इस पेंटिंग को टेट मॉडर्न 2016 की प्रदर्शनी ‘यू कैन नॉट प्लीज ऑल’ में लगाई गई थी। यह इस संस्थान में आयोजित होने वाले भारतीय कलाकार का पहला रेट्रोस्पेक्टिव है।
इस पेंटिंग के अलावा नीलामी में एम.एफ हुसैन (M F Hussain) की ‘मराठी वीमेन’ (1950) करीब 553,146 डॉलर में और राम कुमार की दुर्लभ पेंटिंग ‘अनटाइटल्ड’ की बिक्री 659,960 डॉलर में हुई। बता दें कि ‘अनटाइटल्ड’ पेंटिंग में महिला और पुरुष एक दूसरे का हाथ थामें हैं, इस पेंटिंग को राम कुमार ने 1953 में अपनी पत्नी को तोहफे के तौर पर दी थी। इसके साथ ही रामेश्वरम ब्रूटा की ‘एपे’ सीरीज की ‘एनाटॉमी ऑफ दैट ओल्ड स्टोरी’ (1970) 537,887 डॉलर में बिकी। वहीं, सोमवार को हुई अन्य बिक्री में फ्रांसिस न्यूटन सूजा की बेनाम पेंटिंग 15 लाख डॉलर में बिकी।
इस वैश्विक नीलामी घर की बिक्री प्रमुख इशरत कांगा ने इस पर बात करते हुए कहा, ‘ये असाधारण परिणाम गाय और हेलेन बार्बीयर की अग्रणी विचारधारा के लिए श्रद्धांजलि है, जिन्होंने तब भारतीय कला के असाधारण उदाहरण पेश किए जब कुछ लोग ही इस बारे में सोच ही रहे थे।’