बता दें कि जब तिरंगा फाड़े जाने लगा तो वहां बहुत ही अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो गई थी। तिरंगे फाड़े जाने के विरोध में एक समूह तिरंगा फाड़ने वाले युवकों से भिड़ गया जिससे कुछ देर तक वहां अफरातफरी मच गई थी। मौके पर मौजूद स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों को बीच बचाव करना पड़ा था । इस दौरान खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारी कुछ ज्यादा हिंसक हो गये थे। ब्रिटेन के विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘ लोकतंत्र के अंतर्गत लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन पार्लियामेंट स्क्वायर में एक छोटे से समूह की ओर से उठाए गए कदम से हम निराश हैं और जैसे ही हमें इस बारे में बताया गया, हमने भारतीय उच्चायुक्त यशवर्धन कुमार सिन्हा से संपर्क किया।’
लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने एक बयान में कहा , ‘बुधवार, 18 अप्रैल को पार्लियामेंट स्क्वायर में एक भारतीय झंडे को नीचे उतार लिए जाने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। उस झंडे की जगह दूसरा झंडा लगा दिया गया है। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। जांच जारी है।’ प्रधानमंत्री के साथ गए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा , ‘हमने ब्रिटिश अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंता जताई, उन्होंने घटना के लिए माफी मांगी है। हमने उन्हें सचेत किया था कि कुछ अवांछित तत्व परेशानियां पैदा करेंगे और उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया था। भारतीय ध्वज को बदल दिया गया है।’
बता दें कि कल झंडा फाड़े जाने से पहले यूनिटेड किंगडम सिख फेडरेशन के कुछ खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारी तथा पाकिस्तानी मूल के पीर लॉर्ड अहमद की अगुवाई वाले तथाकथित ‘माइनॉरिटीज अगेन्स्ट मोदी’ के प्रदर्शनकारियों समेत करीब 500 लोग पार्लियामेंट स्क्वायर में एकत्र हुए। इनमें से कुछ का नेतृत्व कुछ कश्मीरी अलगाववादी समूह कर रहे थे। ये लोग अपने बैनर और झंडे ले कर महात्मा गांधी की प्रतिमा के आसपास एकत्र हो गए थे। प्रधानमंत्री मोदी चोगम में भाग लेने के लिए चार दिवसीय यात्रा पर कल ही ब्रिटेन पहुंचे हैं। लंदन में राष्ट्रमंडल सम्मेलन के दौरान कास्टवाच यूके और साऊथ एशिया सॉलिडेरिटी ग्रुप के लोगों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रदर्शन किया। लंदन में सम्मेलन स्थल के पास ‘मोदी तुम्हारे हाथ खून से रंगे हैं’ और ‘मोदी का स्वागत नहीं’ जैसे बैनर दिखे। उनके साथ ही कुछ अन्य प्रदर्शनकारी भी जुटे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले की बलात्कार पीड़िता और पिछले दिनों मारी गईं पत्रकार गौरी लंकेश की तस्वीरें थीं।