इस बीच ब्रिटेन से एक बड़ी खबर सामने आई है। ब्रिटिश सांसदों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांसदों के एक समूह का कहना है कि सरकार कोरोना संक्रमितों की पर्याप्त जांच व्यवस्था करने में असफल रही है। यही कारण है कि देश में भारी संख्या में लोगों की मौत हुई है।
Brazil के राष्ट्रपति की वीडियो कांफ्रेंसिंग में निर्वस्त्र नहाता दिखा एक कर्मचारी
हाउस ऑफ कॉमन्स की विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति का कहना है कि अभी जो जांच करने की क्षमता है वह इस महामारी से लड़ने के लिए अपर्याप्त है। सांसदों के समूह ने प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन को एक पत्र लिखा है। इसमें समिति के अध्यक्ष ग्रेग क्लार्क ने कहा कि ब्रिटेन की परीक्षण क्षमता ने रणनीति को आगे बढ़ाया बजाय रणनीति ड्राइविंग क्षमता के।
अब तक 34 हजार से अधिक की मौत
ग्रेग क्लार्क ने कहा कि ब्रिटिश अधिकारियों ने शुरू में हर किसी के पता करने व जांच करने की मांग की, लेकिन मार्च के बाद इस रणनीति को छोड़ दिया गया। क्योंकि उस वक्त देश में जितने जांच हुए उसके परिणाम से सरकार अभिभूत हो गई।
आगे यह भी कहा गया कि नर्सिंग होम के निवासियों और कर्मचारियों का परीक्षण उस समय नहीं किया गया जब वायरस का प्रसार अपने सबसे बड़े पैमाने पर था। यही कारण है कि COVID-19 के कारण हजारों नर्सिंग होम निवासियों की मृत्यु हो गई है।
Coronavirus संकट के बीच भारत में ‘अम्फान’ तो अमेरिका में तबाही मचा रहा ‘टॉरनेडो’
ब्रिटेन में अभी कोरोना जांच करने की क्षमता बढ़कर हर दिन एक लाख तक पहुंच गया है। साथ ही अब सरकार वायरस को नियंत्रित करने व देशव्यापी लॉकडाउन को धीरे-धीरे खत्म करने की दिशा में योजनाओं पर काम कर रही है। हालांकि समिति का अभी भी यही कहना है कि पता नहीं सरकार ने स्पष्ट तौर पर परीक्षण में देरी करने के परिणाम से सबक लिया है या नहीं।
आपको बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस की वजह से अब तक 34 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 2.5 लाख के करीब लोग संक्रमित हैं।