ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने जलियांवाला बाग हत्याकांड को शर्मनाक बताया
- संसद में हत्याकांड की खुलकर निंदा की
- यह पहली बार है कि किसी ब्रिटिश पीएम ने आलोचना की है
- 13 अप्रैल को इस घटना को 100 साल हो गए

लंदन। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने संसद में जलियांवाला बाग हत्याकांड पर खेद प्रकट करते हुए इसे शर्मनाक बताया है। उन्होंने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। यह पहला मौका होगा जब किसी ब्रिटिश पीएम ने खुलकर इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए। इसकी निंदा की है। अब तक जलियावाला बाग हत्याकांड को लेकर किसी भी ब्रिटिश पीएम ने खुलकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्ति नहीं की थी। इससे पहले मंगलवार को ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने कहा था कि जलियांवाला बाग हत्याकांड पर माफी मांगने से कई तरह की दूसरी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। ब्रिटेन के विदेश मंत्री मार्क फील्ड ने हाउस ऑफ कॉमन्स कॉम्प्लेक्स के वेस्टमिंस्टर हॉल में जलियांवाला बाग हत्याकांड पर आयोजित एक बहस में कहा कि इतिहास में यह एक "शर्मनाक प्रकरण" के रूप में दर्ज है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान को बार-बार अतीत में खींचने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा की बार-बार इस घटना के लिए माफी की मांग ब्रिटिश राज से संबंधित कई दूसरी समस्याओं को पैदा करेगा। बता दें कि 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जालियांवाला बाग में हुए इस नरसंहार में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना को सौ साल पूरे होने वाले हैं।
AFP: British Prime Minister Theresa May in British Parliament today expressed regret for #JallianwalaBaghMassacre; said, "We deeply regret what happened and the suffering caused." pic.twitter.com/F5CWvDfObg
— ANI (@ANI) April 10, 2019
माफी मांगने से पैदा होंगी मुश्किलें
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के मंत्री मार्क फील्ड ने कहा, "ब्रिटेन के औपनिवेशिक अतीत के बारे में मेरे विचार थोड़े रूढ़िवादी हैं। मैं अतीत में हुई चीजों के लिए माफी मांगने में थोड़ा हिचक महसूस करता हूं।" उन्होंने आगे कहा, "यह भी चिंता है कि किसी भी सरकारी विभाग को किसी भी बारे में माफी मांगने के कई वित्तीय निहितार्थ हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम इस तरह की कई घटनाओं को साथ मिलाकर देखें तो ऐसा लगेगा कि किसी विशेष घटना की माफी मांगने का कोई औचित्य नहीं है।
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