सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें लोग स्केटिंग करते नजर आ रहे हैं। इस तरह खतरनाक स्केटिंग करते हुए बीते दिनों युवक बर्फ की पतली तह में फंस गए थे। स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाया था।
बता दें, यूरोप के कुछ देशों में आर्कटिक से भी ज्यादा ठंड है। इससे जन-जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त है। इससे फ्लाइट्स पर भी असर पड़ा है। खबरों के अनुसार- दो दिनों में 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल किए गए हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से ठप है। ठंड की वजह से 35 लोगों की मौत भी हो गई थी।
उत्तरी नीदरलैंड में तापमान माइनस 43 डिग्री तक पहुंच चुका है, वहीं ब्रिटेन में तापमान माइनस 23 डिग्री दर्ज किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यह 55 साल में सबसे कम है। एहित्यात के तौर पर स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। स्कॉटलैंड में लोगों की सुरक्षा को देखते रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
ये है वजह
ये है वजह
मौस वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा आर्कटिक में लो प्रेशर जोन बनने के कारण हो रहा है। इस वजह से ध्रुवों से ठंडी हवाएं यूरोप की तरफ बह रही हैं। इसे आर्कटिक ब्लास्ट कहा जाता है। आर्कटिक में अभी औसत तापमान माइनस 20 डिग्री है।
90 साल का रिकॉर्ड टूटा इटली के नेपल्स में 50 साल की बर्फबारी का रिकॉर्ड तोड़ा है। वहीं इटली की राजधानी रोम में बर्फबारी से जन-जीवन अस्तव्यस्त है। एक मीडिया रिपोर्ट में गांव कैपराकोटा में पिछले 18 घंटे में 8 फीट तक बर्फ गिरने का दावा किया गया है। एलिप्टिक एंफीथियेटर कोलोसियम की इमारत के बाहर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। कहा जा रहा है कि बर्फबारी का 90 साल पुराना रिकार्ड टूटा है। शहर में एमरजेंसी लगा दी गई है। स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। सार्वजनिक परिवहन को भी सीमित कर दिया गया है। मार्गों से बर्फ हटाने के लिए कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।