scriptपिअरे सावेज, फ्रेजर स्टोडार्ट और बर्नार्ड फेरिंगा को रसायन का नोबेल पुरस्कार | Chemistry nobel prize to three scientists | Patrika News

पिअरे सावेज, फ्रेजर स्टोडार्ट और बर्नार्ड फेरिंगा को रसायन का नोबेल पुरस्कार

Published: Oct 05, 2016 11:31:00 pm

एकेडमी के अनुसार, वैज्ञानिकों द्वारा अविष्कार की गई मशीन के प्रयोग से नए
पदार्थ, संवेदक तथा ऊर्जा संग्राहक प्रणालियों का निर्माण संभव हो पाएगा

Nobel Prize for Chemistry

Nobel Prize for Chemistry

स्टॉकहोम। फ्रांस के वैज्ञानिक जीन पिअरे सावेज, ब्रिटेन में जन्मे $फ्रेजर स्टोडार्ट तथा डच वैज्ञानिक बर्नार्ड फेरिंगा को नियंत्रित गतिविधि कर सकने वाली अति सूक्ष्म आणविक मशीनों की अभिकल्पना और निर्माण के लिए इस वर्ष के रसायन शास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। तीनों वैज्ञानिक 930,000 डॉलर की पुरस्कार राशि साझा करेंगे। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस की ओर से पुरस्कार के लिए इन वैज्ञानिकों के नामों की घोषणा बुधवार को की गई।

एकेडमी के अनुसार, वैज्ञानिकों द्वारा अविष्कार की गई मशीन के प्रयोग से नए पदार्थ, संवेदक तथा ऊर्जा संग्राहक प्रणालियों का निर्माण संभव हो पाएगा। सावेज स्टार्सबर्ग विश्वविद्यालय मे प्रोफेसर हैं तथा फ्रांस के राष्ट्रीय विज्ञान शोध केंद्र मे निदेशक हैं, जबकि स्टोडार्ट अमरीका के नार्थ वेस्टर्न विश्वविद्यालय एवान्स्टन इलिनोइस में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर हैं और उनके साथी फेरिंगा ग्रोनिन्जेन नीदरलैंड विश्वविद्यालय में रसायनशास्त्र पढ़ाते हैं।

स्वीडिश एकेडमी के अनुसार सावेज ने 1983 मे दो वलय आकार के अणुओं को एक श्रंखला के रूप में जोडऩे में एक बड़ी सफलता प्राप्त की थी। अगले कदम के रूप मे स्टोडार्ट ने 1991 में एक आणविक अक्ष को एक आणविक वलय मे पिरोने में सफलता प्राप्त की थी। फेरिंगा ने 1999 में सबसे पहली आणविक मोटर बनाने मे सफलता प्राप्त की थी जब उन्होंने एक आणविक रोटर ब्लेड को समान दिशा मे घुर्णन कराने मे स$फलता प्राप्त की थी।

एकेडमी के अनुसार यह मोटर अभी उस चरण में है जैसे 1830 में इलेक्ट्रिक मोटर थी और वैज्ञानिक उस वक्त घूमने वाले क्रैंक और पहिए दिखाते थे और इस बात से अंजान थे कि इससे इलेक्ट्रिक ट्रेने, वॉशिंग मशीन, पंखे और फूड प्रोसेसर बनाए जा सकते हैं। नई मशीन को कैंसर जैसे घातक रोग के उपचार के लिए सीधे दवा पहुंचाने के वास्ते मनुष्य के शरीर के भीतर डाला जा सकता है।

स्टोडडार्ट ने नोबेल के लिए नाम की घोषणा होने पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंनेे इसे अप्रत्याशित करार दिया और कहा कि इस तरह की घोषणा से सांस थम जाती है। फेरिंगा ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, मुझे नहीं पता क्या कहना।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो